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धान खरीदी के आधे दिन खत्म, केवल एक तिहाई किसान बेच सके धान

  • अब केवल बड़े किसानों का रकबा बाकी, 25 दिन में 90 हजार हेक्टेयर पर खरीदी शेष

रायगढ़। धान खरीदी का आधा समय खत्म हो चुका है। 26 दिनों की खरीदी पूरी हो चुकी है जबकि 25 दिन बचे हैं। अब तक केवल 33 प्रश किसानों ने ही धान विक्रय किया है जो लक्ष्य का 29 प्रश है। आने वाले दिनों में टोकन और लिमिट नहीं बढ़ाई गई तो किसानों को परेशानी हो सकती है। प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 15 नवंबर से प्रारंभ हो चुकी है। अब तक 26 दिनों की खरीदी हुई है। जिले में पंजीकृत किसानों की संख्या 83532 है जिसमें से अब तक 27848 ने धान विक्रय किया है। इस बार रायगढ़ जिले में 55.64 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य तय किया गया है। पिछले साल 50.87 लाख क्विं. धान खरीदा गया था। अब तक की 26 दिनों की धान खरीदी में 16.29 लाख क्विं. धान खरीदा जा चुका है।

इस लिहाज से देखें तो 33 प्रश किसानों से लक्ष्य का 29 प्रश धान ही खरीदा गया है। अभी भी 55684 किसानों से धान खरीदा जाना बाकी है। वर्तमान में प्रतिदिन करीब 2600 किसानों से 27 हजार क्विंटल धान की खरीदी की जा रही है। बड़े किसानों को तीन टोकन की पात्रता है। धान की मात्रा तो बढ़ी है लेकिन किसानों की संख्या नियंत्रित की गई है। अब करीब 25 दिन शेष हैं जिसमें कम से कम 45 हजार किसान धान विक्रय करेंगे। टोकन देने का सिस्टम बदलने की वजह से किसानों को थोड़ी दिक्कत हो रही है। अब तक जिले में टोकन तुंहर हाथ एप के जरिए करीब 46 हजार टोकन दिए गए हैं जबकि समिति में मैन्युअली करीब 14 हजार टोकन काटे गए हैं। पिछले साल कुल 73295 किसानों ने धान विक्रय किया था। इस बार धान खरीदी में सख्ती के कारण बोगस खरीदी कम हो रही है।

14 हजार किसानों ने किया रकबा समर्पण
इस बार खरीदी में पूरा प्रशासनिक अमला लगा हुआ है। प्रत्येक खरीदी केंद्र में तीन स्तर पर नोडल अधिकारी सत्यापन कर रहे हैं। प्रबंधकों को नियंत्रण में रखा गया है। वास्तविक किसानों से ही खरीदी करने के निर्देश हैं। इस बीच करीब 14 हजार किसानों ने 1400 हे. रकबा समर्पित कर दिया है। धान का उत्पादन 21 क्विंटल प्रति एकड़ भी सवालों के घेरे में है। असली घपले की जड़ यही है। इसी वजह से बाहरी धान और रबी का धान खपता है।