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जिला स्तरीय वीर बाल दिवस कार्यक्रम का हुआ आयोजन

  • वीर साहिबजादों के बलिदान को किया गया नमन
  • प्रतिभावान बच्चों को किया गया सम्मानित

रायगढ़, 26 दिसम्बर 2025/ धर्म एवं संस्कृति की रक्षा हेतु अपने सर्वोच्च बलिदान देने वाले श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत को नमन करते हुए आज जिला रायगढ़ में वीर बाल दिवस का जिला स्तरीय कार्यक्रम गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में बाल देखरेख संस्थानों में आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 से प्रतिवर्ष 26 दिसम्बर को पूरे देश में वीर बाल दिवस मनाया जा रहा है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो ने कहा कि “वाहे गुरु जी की खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह” के उद्घोष के साथ वीर साहिबजादों और दशम पिता गुरु गोबिंद सिंह जी का स्मरण करते हुए मन शोक और गर्व दोनों से भर जाता है। जिन बालकों ने जीवन को पूरी तरह देखा भी नहीं था, उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, लेकिन कभी अपने सिद्धांतों से विचलित नहीं हुए। उनका बलिदान आज भी समाज को सत्य, साहस और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

वीर बाल दिवस के अवसर पर सभी बाल देखरेख संस्थानों में पेंटिंग, पोस्टर निर्माण, कहानी लेखन, बुक रीडिंग क्विज, भाषण, वाद-विवाद एवं निबंध लेखन जैसी विविध रचनात्मक गतिविधियों का आयोजन किया गया। इन गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। कार्यक्रम के समापन पर समस्त वीर शहीदों को हृदय से नमन करते हुए उनके अदम्य साहस की सराहना की तथा बच्चों को सत्य, धर्म और सद्भावनापूर्ण जीवन अपनाने की प्रेरणा दी।

कार्यक्रम के दौरान बाल विवाह मुक्त रायगढ़ बनाने के संकल्प के तहत बाल विवाह के विरुद्ध शपथ दिलाई गई। साथ ही नशामुक्त भारत अभियान के अंतर्गत सभी उपस्थितजनों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई गई। इस पहल के माध्यम से बच्चों एवं समाज में सकारात्मक सोच और जागरूकता का संदेश दिया गया।

इस अवसर पर अध्यक्ष बाल कल्याण समिति श्री गेवेश नायक, श्री रूपलाल चौहान, श्री लक्ष्मीप्रसाद पटेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री एल.आर. कच्छप, संयुक्त संचालक समाज कल्याण विभाग श्री शिवशंकर पाण्डे, श्रीमती चैताली राय, श्री धीरेन्द्र कुमार शर्मा, श्रीमती रूपाली रवानी सहित बाल देखरेख संस्थाओं के अधीक्षक, कर्मचारी एवं 250 से अधिक बच्चे उपस्थित रहे।