रायगढ़। सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए भर्ती नहीं की बल्कि युक्तियुक्तकरण किया। इसके बाद भी सांठगांठ का ऐसा दौर चला कि कई स्कूल अब भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहे हैं। जिले में अब भी 49 स्कूल एकल शिक्षक वाले हैं। एक स्कूल तो ऐसा है जहां शिक्षक ही नहीं हैं। युक्तियुक्तकरण का उद्देश्य था कि जहां शिक्षक कम हैं या नहीं हैं, वहां भी उपलब्ध हो जाएं। जहां बच्चे कम हैं तो उनको पास के दूसरे स्कूल में मर्ज किया जाए ताकि सेटअप में उतने शिक्षकों के पद कम हो जाएं। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया पूरी कर ली। उम्मीद थी कि कोई स्कूल एकल शिक्षक या शिक्षक विहीन न रहे। लेकिन अभी भी ऐसे स्कूल हैं जहां एकल शिक्षक हैं।





रायगढ़ जिले में 40 प्रायमरी स्कूल और 9 मिडिल स्कूल एकल शिक्षक हैं। एक प्रायमरी स्कूल ऐसा भी है जहां कोई शिक्षक नहीं है। यह जानकारी शिक्षा विभाग ने स्वयं विधानसभा में दी है। ऐसी स्थिति युक्तियुक्तकरण के बाद भी हो रही है। प्रदेश में भी 1791 एकल शिक्षक और 30 शिक्षकविहीन स्कूल हैं। युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों के तबादले की जरूरत नहीं पडऩी चाहिए थी। लेकिन रायगढ़ जिले में शिक्षा विभाग में सांठगांठ बड़े पैमाने पर हुई है। सभी ब्लॉकों में शिक्षकों को उनकी मनपसंद जगह भेजने के लिए नियम बदल दिए गए।





557 स्कूलों के 961 शिक्षक हुए प्रभावित
सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर बढ़ाने के बजाय सेटअप को कम करने पर फोकस किया जा रहा है। स्कूलों की संख्या घटने से कई गांवों में स्कूल बंद हो गए। अब बच्चों को पास के गांव या दूसरे स्कूल में जाना पड़ रहा है। रायगढ़ जिले में 557 स्कूल और 961 शिक्षक युक्तियुक्तकरण से प्रभावित हुए हैं। शिक्षकों के अध्यापन का स्तर बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास होने चाहिए। केवल प्रशिक्षण की औपचारिकता पूरी की जा रही है।
















