रायगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित श्री रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत रायगढ़ जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों से अब तक 1200 से अधिक श्रद्धालु अयोध्या धाम पहुंचकर प्रभु श्रीरामलला के पावन दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप प्रारंभ की गई यह योजना अयोध्या धाम से लौटे श्रद्धालुओं के चेहरों पर झलकती प्रसन्नता, संतोष और भक्ति की मुस्कान इसकी सफलता का सशक्त प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल केवल एक धार्मिक यात्रा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आस्था, संस्कृति और भावनात्मक जुड़ाव से परिपूर्ण एक अविस्मरणीय अनुभव बन चुकी है। छत्तीसगढ़ का भगवान श्रीराम से गहरा आत्मीय और ऐतिहासिक संबंध रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार त्रेतायुग में भगवान श्रीराम ने अपने वनवास काल का महत्वपूर्ण समय छत्तीसगढ़ की पावन भूमि पर व्यतीत किया था।





माता कौशल्या का मायका भी छत्तीसगढ़ में स्थित होने के कारण यहां के लोग भगवान श्रीराम को स्नेहपूर्वक “भांजा राम” कहकर संबोधित करते हैं। इसी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंध को साकार रूप देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा श्री रामलला दर्शन योजना की शुरुआत की गई है। योजना का लाभ प्राप्त करने वाले पुसौर निवासी खगेश्वर पटेल ने बताया कि कभी स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि अयोध्या जाकर प्रभु श्रीराम के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा, लेकिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित इस योजना ने उनके जीवन का सपना साकार कर दिया। श्रीमती राजकुमारी साव ने यात्रा को सहज, सुरक्षित और अत्यंत सुखद बताते हुए कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाएं इतनी उत्कृष्ट थीं कि पूरा समूह एक परिवार की भांति यात्रा कर सका।





उमेश सिंह सिदार ने भोजन, स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि पूरी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का विशेष ध्यान रखा गया। वहीं श्रीमती सावित्री भगत ने कहा कि अयोध्या में रामलला के दर्शन उनके जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है। सभी श्रद्धालुओं ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया। बता दें कि श्री रामलला दर्शन योजना अंतर्गत राज्य के पात्र श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम स्थित भगवान श्रीरामलला के दर्शन हेतु पूर्णतः निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। योजना के अंतर्गत श्रद्धालुओं को छत्तीसगढ़ से अयोध्या तक निःशुल्क आवागमन की सुविधा प्रदान की जाती है।





यात्रा अवधि के दौरान ठहरने, भोजन एवं नाश्ते की संपूर्ण व्यवस्था शासन द्वारा सुनिश्चित की जाती है। यात्रियों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्राथमिक चिकित्सा एवं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की भी समुचित व्यवस्था की जाती है। योजना की आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में आवेदन ग्राम पंचायतों के माध्यम से तथा शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकायों के माध्यम से स्वीकार किए जाते हैं।












