रायगढ़। एनटीपीसी के एश डाइक से फ्लाई एश परिवहन के मामले में अब प्रशासन से आमने-सामने की स्थिति निर्मित हो गई है। एनटीपीसी ने प्रशासन से कहा है कि वे प्रतिबंधित सडक़ों को लेकर लिखित में आदेश दे दें ताकि टेंडर में बदलाव किया जा सके। दरअसल चार दिन पहले एनटीपीसी लारा प्लांट से लगे नवापारा की ओर से संकरी सडक़ से होकर फ्लाई एश की गाडिय़ां गुजर रही थी। ग्रामीणों ने इस रोड से वाहनों के निकलने पर आपत्ति जताई और 34 ट्रेलरों को रोक लिया। प्रशासन की संयुक्त टीम ने सभी वाहनों को जब्त कर लिया। इसके बाद एनटीपीसी ने इस मामले के निराकरण के लिए दूसरा रास्ता निकाला है।
दरअसल एश परिवहन का टेंडर शॉर्टेस्ट रूट को देखते हुए निकाला गया था जिसमें यह रोड शामिल है। अब ग्रामीणों की आपत्ति के बाद एनटीपीसी ने प्रशासन से लिखित में प्रतिबंध का आदेश मांगा है ताकि टेंडर में बदलाव किया जा सके। दूसरे रूट से अपेक्षाकृत ज्यादा दूरी तय करनी पड़ेगी जिससे परिवहन दर प्रभावित होगी। अब मामला लिखित आदेश पर अटक गया है क्योंकि किसी भी सडक़ को ऐसे भारी वाहन परिवहन के लिए रोकने का आदेश जारी करना बहुत पेचीदा है।
शतप्रतिशत एश का यूटीलाइजेशन नहीं
एनजीटी ने सभी पावर प्लांटों को फ्लाई एश का शतप्रतिशत यूटीलाइजेशन करने का आदेश दिया है। एनटीपीसी का कहना है कि प्रतिदिन उत्सर्जित एश में से आधी मात्रा रोड निर्माण और अन्य में यूज कर ली जाती है। हालांकि अभी भी कंपनी शतप्रतिशत यूटीलाइजेशन तक नहीं पहुंच सकी है। अभी केवल दो ही यूनिट चल रहे हैं। जब अन्य दो यूनिट भी पूरी क्षमता से चलेंगे तो एश ज्यादा निकलेगा।
