खरसिया। शासकीय महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया के हिन्दी विभाग में हिन्दी साहित्य के लगभग 70 छात्रों एवं 10 प्राध्यापकों की गरिमामय उपस्थिति में दिनांक 10 जनवरी 2023 को विश्व हिन्दी दिवस मनाया गया। प्राचार्य डॉ. राकेश तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष हिन्दी डॉ. रमेश टण्डन ने विश्व के भाषा परिवार से हिन्दी तक की यात्रा को विस्तार से बताते हुए कहा कि विश्व के कुल चार भाषा परिवार हैं, जिसके यूरेशिया भाषा परिवार से मारोपीय भारत इरानी, भारतीय आर्य भाषा आई फिर वैदिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत, पालि प्राकृत, अपभ्रंश भाषा आई। डॉ. टण्डन ने अपभ्रंश की शौरसेनी से पश्चिमी हिन्दी, फिर खड़ी बोली हिन्दी के प्रादुर्भाव होने के तथ्य से छात्रों को अवगत कराया।












प्रो. जे आर कुर्रे के मंच संचालन में प्राचार्य डॉ. तिवारी ने हिन्दी की महत्ता को प्रतिपादित करते हुए कहा कि कई जगहों पर आज भी हिन्दी के साथ अंग्रेजी में भी समानान्तर क्रम में कामकाज होता है। अतः हिन्दी को पूरी तरह राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने के लिए हमें हिन्दी के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। प्रो. कुर्रे ने हिन्दी को विश्व की चौथी बड़ी भाषा के रूप में बताते हुए इसके वर्तमान स्वरूप को बताया। प्राध्यापकों में एमएल धीरही, सरला जोगी, डॉ. श्वेता तिवारी, काश्मीर एक्का, डीके संजय, जेआर कुर्रे, डॉ. आरके टण्डन, डॉ. आकांक्षा मिश्रा, डॉ. मीना गुप्ता, मनोज बरेठा आदि की उपस्थिति रही प्रो. दिनेश संजय ने आभार व्यक्त किया।





छात्रों में विजय मिरी, संजू कुमार, विजय कुमार, सुनील मनहर, प्रकाश गोस्वामी, रोहन साहू, ओमश्री राठिया, प्रियंका राठिया, तुलसी राठिया, संजना शर्मा, राजेश्वरी, कृष्णा साहू, रामकुमार, दामिनी जायसवाल, प्रदीप कुमार उनसेना, शैलेन्द्र बरेठ, कौशिल्या सोने, तृष्णा बंजारे, सुरेश घृतलहरे, रोशन चौहान, सीमा सारथी, राजू चन्द्रा समेत कुमार, टिकेश्वर राठिया, उमा साहू, संगीता साहू, संजय कुमार, हेमलता, डिगेश्वरी जायसवाल, देवलता साहू, हेमा मिरी, निकिता डनसेना, ममता कुमारी, अमन, महिमा पाण्डेय, जया पटेल, मनीषा पटेल, चाँदनी राठौर, पूर्णिमा यादव, आकाश जायसवाल सहित हिन्दी साहित्य के अनेक छात्रों ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर वक्ताओं को ध्यान से सुना।
