पुसौर। पुसौर जनपद के 88 पंचायतों में ज्यादातर निर्माण कार्य मनरेगा अंतर्गत ही किया जा रहा है जिसमें अनुपात के आधार पर सामग्री की राशि व मजदूरी की राशि होती है। शासन ने मजदूरों के मानव श्रम दिवस को 100 दिन से 150 किया है लेकिन काम किये मजदूरों का मजदूरी भुगतान समय पर नहीं बल्कि 6-6 माह तक नहीं मिल पाने का तथ्य सामने आया है। इधर त्यौहारों पर भी मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसे अपनी पूंछ सहलाना कहें या बड़बोलापन लेकिन ये तो तय है कि शासन की मनरेगा योजना धरातल पर कहीं भी कामयाब नहीं है। प्रायः सरपंच मनरेगा से काम कराने दूर भागते हैं चूंकि इसमें समय से न ही मजदूरी राशि मिल रहा है और न तो सामग्री का और समय में भुगतान नहीं होने पर काम में भी गुणवत्ता नहीं आ रहा है।
मनरेगा द्वारा कराये गये पौधरोपण, गोठान, रोड निर्माण, भवन निर्माण सहित अन्य प्रकार के कार्य है इसमें शौचालय निर्माण, बाड़ी विकास, गाय कोठा आदि हितग्राहीमूलक निर्माण कार्यों में भी समय पर भुगतान नहीं हो रहा है जो चिंता का विषय है और इस पर शासन का ध्यानाकर्षण भी नहीं है जिसे पंचायत स्तर जनप्रतिनिधि झेलते हुये आ रहे हैं। बीते दिवस को ग्राम पंचायत कौरिहा के आश्रित ग्राम बुलाकी में हुये द्वितीय श्रेणी सड़क निर्माण में काम किये मजदूरों के जरिये उक्ताशय की जानकारी सामने आया, जिन्होंने इस बात को दबे जुबान से कहा कि राष्ट्रीय त्यौहार होली में भी हमें हमारी मजदूरी राशि नहीं मिली और हमारी होली रंगीन नहीं बल्कि फीकी रही। मनरेगा अंतर्गत मजदूरी भुगतान को लेकर उन्होंने बताया कि पिछले 6 माह से भुगतान नहीं हुआ है इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दिया जा चुका है।
