सक्ती। समाज एवं परिवार का मुखिया हमेशा पुरूष होता महिलाओं के ऊपर अनावश्यक कुरीतियों को थोपा जाता है, तब महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। समान लैंगिक के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। उक्त विचार नगर पालिका परिषद द्वारा सामुदायिक भवन में आयोजित लैंगिक समानता एवं लैंगिक उत्पीडऩ के विषय पर आयोजित कार्यशाला में ब्रिटिश अपर सत्र न्यायाधीश डॉक्टर ममता भोजवानी ने कही।












डॉ. भोजवानी ने आगे कहा कि कानून में भले ही पुरुष एवं महिलाओं को समान अधिकार मिल गया है लेकिन समाज में व्यवहार में उन्हें आज भी पुरुष ही उनका नेतृत्व करते हैं। चाहे राजनीतिक क्षेत्र हो या समाधि क्षेत्र हो या किसी कार्यालय कंपनी हो पुरुषों का महत्व अधिक दिया जाता है। आज महिलाएं किसी भी मामले में कम नहीं है, फिर भी उनका आकलन कम किया जाता है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गायत्री सिंह ने कार्यशाला में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के कई उपाय किये जा रहे आज सभी परिवार में महिलाओं के पास मोबाइल फोन उपलब्ध हैं या किसी परिचित आस पड़ोस के मोबाइल से घटना की जानकारी देनी चाहिए।





कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न समूहों की महिलाएं, नगर पालिका परिषद की स्वछता दीदियां, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सौरभ तिवारी, सीईओ उर्मिला जायसवाल, इब्राहिम खान, सहायक लोक अभियोजक ऋषिकेश चौबे, दुर्गा प्रसाद साहू, सत्यनारायण सिंह, भीम देवांगन सहित बड़ी संख्या में महिलाओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन अधिवक्ता गिरधर जायसवाल ने किया।
