रायगढ़। नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन का तो कबाड़ा किया है अब बारी गोधन न्याय योजना की है। शहरी गोठान को विकसित करने के बजाय वहां कचरा डंपिंग यार्ड बना दिया है। गेट पर तो शहरी गोठान ही लिखा है लेकिन अंदर कचरा डालकर गेट बंद किया गया है। यही निगम की असली तस्वीर है।












गांवों की तरह शहरों में भी गोठान बनाने का आदेश दिया गया था जिसका संचालन नगरीय निकाय ही करेंगे। नगर निगम रायगढ़ ने ट्रांसपोर्ट नगर में एक शहरी गोठान बनाया है। यहां पर शहर के आवारा मवेशी होने चाहिए थे, जिनकी देखरेख का जिम्मा किसी संस्था को दिया जाता। बड़े-बड़े दावे कर शहरी गोठानों का उद्घाटन किया गया था। अब असलियत उजागर हो रही है तो किसी को मुंह छिपाने का ठिकाना नहीं मिल रहा है। ट्रांसपोर्ट नगर गोठान में शहर का कचरा डाला जा रहा है। इस पर किसी का ध्यान ही नहीं है। पहले ही गंदगी, धूल, समस्याओं से जूझ रहे ट्रांसपोर्ट नगर में गोठान को साफसुथरा होना चाहिए था। लेकिन यहां गंदगी है। गेट से ही कचरे का अंबार दिखाई देता है। बड़े-बड़े अक्षरों में शहरी गोठान नगर निगम रायगढ़ लिखा हुआ है जो मुंह चिढ़ा रहा है। अंदर भी पूरा प्लास्टिक कचरे का अंबार लगा हुआ है।





शहर को साफ रखने के लिए गोठान में कचरा
शहर को साफ रखने के लिए सभी मोहल्लों में कचरा फैलने से रोकना पड़ेगा। कचरा तभी रुकेगा जब कलेक्शन का काम सही तरीके से होगा। कचरे का डिस्पोजल भी होना चाहिए। मतलब सूखा कचरा अलग कर इसे निराकृत करना और गीले कचरे से कम्पोस्ट बनाने का काम होना चाहिए। लेकिन रायगढ़ नगर निगम ने शहर का कचरा उठाकर शहरी गोठान में डाल दिया।
