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Home | Raigarh News : सप्ताह भर कटे हुए डीओ शुक्रवार को निरस्त, मार्कफेड और NIC रायपुर की जुगलबंदी से कस्टम मिलिंग का सिस्टम बिगड़ा, रिक्वेस्ट के बाद भी नहीं ले रहे डीओ

Raigarh News : सप्ताह भर कटे हुए डीओ शुक्रवार को निरस्त, मार्कफेड और NIC रायपुर की जुगलबंदी से कस्टम मिलिंग का सिस्टम बिगड़ा, रिक्वेस्ट के बाद भी नहीं ले रहे डीओ

रायगढ़। कस्टम मिलिंग की व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। हर दिन व्यवस्था बदल जाती है। डीओ रिक्वेस्ट करने वाले सभी मिलरों को धान नहीं मिलता। धान पंजीयन की तरह कस्टम मिलिंग के लिए डीओ जारी करने में भी गड़बड़ी हो रही है। प्रारंभ में दस से ज्यादा राइस मिलरों को धान ही नहीं दिया गया। मामला उठा तो एमडी को पत्र भेजा गया। राईस मिलरों को धान का डीओ जारी करने में भारी गड़बड़ी की जा रही है। किसी मिलर का डीओ रिक्वेस्ट पेंडिंग रहता है तो किसी को ज्यादा धान मिल जाता है। कभी सप्ताह भर में किए गए डीओ रिक्वेस्ट शुक्रवार को अचानक से निरस्त हो जाते हैं। सॉफ्टवेयर की सेटिंग बार-बार बदली जा रही है।

डीओ रिक्वेस्ट देने के बाद सभी मिलरों को समान रूप से अवसर देने के बजाय कुछ को ही तवज्जो दी जा रही है। प्रारंभ में गड़बड़ी के बाद इसे ठीक करने के लिए फस्र्ट इन फस्र्ट आउट की व्यवस्था की गई। फिर यह भी सफल नहीं रहा तो दूरी के हिसाब से डीओ काट दिए। इस बीच रायगढ़ से 200-400 किमी दूर दूसरे जिलों का डीओ भी जारी कर दिया गया। सप्ताह भर डाले गए रिक्वेस्ट शुक्रवार को अचानक से निरस्त कर दिए जाते हैं। कई राईस मिलर इस मामले में शिकायत भी कर चुके हैं। उसना राईस मिलर तो धान ही नहीं उठा रहे हैं। बीच में एमडी मार्कफेड ने रायगढ़ जिले में धान उठाव नहीं होने के कारण पत्र भी लिखा था।

एक ऑपरेटर के हवाले पूरा गणित
डीओ रिक्वेस्ट डालने के बावजूद धान नहीं मिलने के कारण कई मिलर नुकसान में जा चुके हैं। कस्टम मिलिंग की यह व्यवस्था केवल कुछ मिलरों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई है। डीओ का पूरा काम मार्कफेड के एक कंप्यूटर ऑपरेटर के हवाले है। बीच में चावल जमा करने में रायगढ़ के मिलर को बरमकेला के गोदाम टैग करने में भी इसी ऑपरेटर का हाथ था।