रायगढ़। शहर को प्लास्टिक मुक्त करने की दिशा में नगर निगम प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी में अब घर-घर से निकलने वाले प्लास्टिक को खरीदने की तैयारी चल रही है। इस योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। कहने को तो प्रदेश में जुलाई माह से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लग चुका है। इसके बावजूद न सिर्फ बाजार में इसका निर्माण जारी है बल्कि खुलेआम इसका इस्तेमाल भी किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम हाथ पर हाथ धरे बैठे हुई है और कुछ नहीं कर रही है।
समय-समय पर नगर निगम की टीम अभियान चलाते हुए ऐसे दुकानदार और व्यापारियों पर कार्रवाई भी कर रहा है बावजूद इसके घरों से कलेक्ट होने वाले कचरों में प्लास्टिक के कचरों की संख्या कम नहीं होने का नाम नहीं ले रही है। इससे न सिर्फ गीला-सूखा कचरों में से प्लास्टिक कचरों को अलग करने में दिक्कतें आती हैं बल्कि शहर प्लास्टिक मुक्त नहीं होगा तब तक स्वच्छता सर्वेक्षण में भी पिछड़ा रहेगा। यही वजह है कि अब इसको लेकर नगर निगम के अधिकारी लोगों में जागरूकता लाने के साथ-साथ ऐसे विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं।
नगर निगम कमिश्नर संबित मिश्रा ने बताया कि आने वाले दिनों में घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे लोग बाहर न फेंके, इसके लिए उन प्लास्टिक को खरीदने की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया चल रही है। इसके पूरी होते ही दर निर्धारित होने के बाद यह काम शुरू कर दिया जायेगा। इसका फायदा यह होगा कि लोग प्लास्टिक के कचरों को यत्र-तत्र नहीं फेंकेंगे और सहेज कर रखेंगे। अभी शहर के एक कॉलोनी में यह काम कर रही है और कॉलोनी के एकत्रित प्लास्टिक को अंबिकापुर भेजा रहा है।
इसी तरह शहर में बर्तन बैंक खोलने की प्लानिंग भी की जा रही है। चूंकि आज भी यह देखने को मिल रहा है कि विभिन्न आयोजनों में प्लास्टिक के गिलास, प्लेट, कटोरी, चम्मच आदि का इस्तेमाल हो रहा है। बर्तन बैंक खुलने से यह फायदा होगा कि लोग आयोजन के लिए स्टील के बर्तन किराये में ले सकेंगे। इससे शहर को प्लास्टिक मुक्त करने में मदद भी मिलेगी। बर्तनों को किराया ऐसे तय किया जायेगा ताकि हर वर्ग के लोग इसका लाभ ले सकें।
