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Home | Raigarh News : केलो को साफ करने की नीयत ही नहीं, नहीं रुका गंदा पानी, पूरे चक्रधर नगर क्षेत्र के नालियों का गंदा पानी चक्रपथ के ऊपर से होकर केलो में मिला, कचरा रोकने के लिए बनाया स्ट्रक्चर चोक

Raigarh News : केलो को साफ करने की नीयत ही नहीं, नहीं रुका गंदा पानी, पूरे चक्रधर नगर क्षेत्र के नालियों का गंदा पानी चक्रपथ के ऊपर से होकर केलो में मिला, कचरा रोकने के लिए बनाया स्ट्रक्चर चोक

रायगढ़। नगर निगम को जिम्मेदारी मिली है कि वह केलो नदी को दूषित होने से बचाने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए। साथ ही नदी में कचरा जाने से राकने के लिए भी जरूरी कदम उठाए। चक्रधर नगर की ओर से जो नाली केलो नदी में मिलती है, उसमें बीच में कचरा रोकने के लिए एक स्ट्रक्चर बनाया गया है। थोड़ी सी बारिश में यह चोक हो जाता है। सोमवार को भी ऐसा ही हुआ।

रायगढ़ की जीवनदायिनी केलो नदी को गंदा करने में यहीं के लोगों का सबसे ज्यादा हाथ है। इस वजह से केलो नदी का नाम ऐसी सूची में है जहां नहीं होना चाहिए। देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित 351 नदीखंडों की सूची में केलो का 15 किमी का हिस्सा है। इस हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए एसटीपी का काम चल रहा है। शहर का पूरा गंदा पानी इन प्लांटों में शोधित होगा और फिर नदी में छोड़ा जाएगा। कुछ जगहों पर कचरा रोकने के लिए भी स्ट्रक्चर बनाए गए हैं। चक्रधर नगर क्षेत्र के नालियों का गंदा पानी चक्रपथ में निकलने वाले नाले के जरिए केलो में गिरता है।

इसमें से प्लास्टिक आदि कचरे को नदी में जाने से रोकने के लिए कांक्रीट का ढांचा बनाया गया है। सोमवार को एक घंटे की बारिश में यह चोक हो गया। कचरे के कारण अंदर पानी घुसा ही नहीं। पूरा पानी ओवरफ्लो होकर चक्रपथ में फैल गया। गंदे बदबूदार पानी से होकर गुजरने वाले लोगों ने नाक पर रुमाल रख लिया। यह दूषित पानी केलो नदी में मिल गया। एनजीटी के निर्देशों का पालन करने में नगर निगम पूरी तरह फेल हुआ है।

गलत है तकनीक, लाखों रुपए बर्बाद
जिस जगह पर निर्माण किया गया है वह सही नहीं है। नगर निगम ने गलत तकनीक से निर्माण कराया और ठेकेदार को भुगतान भी हो गया। इस नाले में चक्रधर नगर क्षेत्र के सभी होटलों का गंदा पानी बहता है। कई क्विंटल प्लास्टिक का कचरा रोज निकलता है। इस कचरे के कारण यह सिस्टम चोक हो जाता है। यहां गंदे पानी के शोधन के लिए कोई निर्माण नहीं है।

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