नावापाली पुसौर में जमीन हड़पने के लिए शातिर चाल, अमित रतेरिया के विरुद्ध शिकायत
रायगढ़। जमीनों के कारोबार कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें ग्रामीण भूमिस्वामी को पता भी नहीं चलता कि वो किस सेठ-साहूकार के चंगुल में फंसने जा रहा है। नगर के ऐसे ही एक सेठ अमित रतेरिया के विरुद्ध गंभीर आरोप लगाते हुए भूमिस्वामी ने शिकायत की है। उसका कहना है कि गिरवी रखी जमीन को छुड़ाने के नाम पर अमित ने धोखे से रजिस्ट्री करवा ली। अब रजिस्ट्री निरस्त करने शिकायत गई है।
मेडिकल कॉलेज रोड में नावापाली पुसौर स्थित खसरा नंबर 32/6 का कुल रकबा 1.3670 हे. है। यह भूमि स्व. दयाराम चौहान को शासन ने आवंटित की थी। अब यह जमीन आलोक इन्फोटेक आलोक रतेरिया और अमित रतेरिया के नाम पर है। इसमें से 0.6090 हे. भूमि को झारसुगड़ा निवासी प्रतिमा संजय जैन को बेचने की जानकारी सामने आई है। इस भूमि का मूल स्वामी सहनीराम चौहान शिकायत करने पहुंचा था। उसका कहना है कि उसके पिता ने कभी जमीन अमित रतेरिया को बेची ही नहीं। 2007-08 कुछ जरूरत पडऩे पर जमीन को गिरवी रख दो लाख रुपए लिए थे। अमित रतेरिया ने उस रकम को चुकता करने के लिए बैंक से तीन लाख का लोन दिलाने का वादा किया था लेकिन शासकीय आवंटित भूमि को अमित रतेरिया ने धोखे से अपने नाम रजिस्ट्री करवा ली।
इस पर विवाद हुआ तो अमित ने मामले को ठंडा होने दिया। कभी वह जमीन के आसपास भी नहीं गया। दयाराम चौहान के बेटे सहनीराम चौहान ने जमीन पर कब्जा बरकरार रखा है। कोविड के समय में अमित रतेरिया ने राजीनामा करने का ऑफर भी दिया था। सहनीराम का कहना है कि जमीन बेचने के एवज में मिली राशि और गिरवी की रकम भी चुकाने का वादा किया। इस मौखिक सहमति जताई लेकिन कोई लिखा-पढ़ी नहीं की। अब पता चला है कि उक्त जमीन में से 0.6090 हे. भूमि को प्रतिमा संजय जैन झारसुगुड़ा को बेच दिया गया है। वहीं जमीन के रजिस्ट्री पेपर देखने पर मालूम हुआ कि इस पर केवल 13 पेड़ ही दिखाए गए हैं।
हल्का पटवारी से मिलीभगत
अमित रतेरिया पर आरोप लगाया गया है कि उसने हलका पटवारी के साथ मिलकर बिक्री नकल में 13 पेड़ ही दर्शाए हैं। जबकि उक्त जगह पर घना जंगल है। आपत्ति के बाद भी हलका पटवारी ने मोटी रकम लेकर बिक्री नकल दिया है। विवाद की जानकारी होने के बाद भी जमीन को टुकड़ों में बेचने के लिए बिक्री नकल दिया गया गया। पीडि़त सहनीराम चौहान ने टीआई चक्रधर नगर को लिखित शिकायत की है। साथ ही उपपंजीयक से भी शिकायत की गई है।
क्या कहते हैं साहू
पटवारी द्वारा दिए दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री करना हमारा काम है। इस तरह का पहला मामला सामने आया है। जिला पंजीयक को दस्तावेज परीक्षण के लिए प्रस्तुत करेंगे।
– देवेंद्र साहू, उप पंजीयक
