रायगढ़। पटवारियों के हलकों में बदलाव करना जिला प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। कोई भी तहसीलदार सही जानकारी नहीं दे रहा है। भू-अभिलेख शाखा से बार-बार तहसीलों से भू- जानकारी मांगी जा रही है। इधर शासन ने पटवारी ट्रांसफर का प्रमाण पत्र मांग लिया है।
राजस्व विभाग के लिए पटवारी राज से पार पाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। पटवारियों का वर्चस्व है इस तरह बढ़ चुका है कि वे चाहें तो किसी अफसर के लिए भी गड्ढा खोद दें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों को आदेश दिया थ कि एक ही हलके में तीन साल से अधिक समय से जमे पटवारियों को बदला जाए। रायगढ़ जिले में इस आदेश पर अब तक अमल नहीं हो सका है। इसकी वजह तहसीलों से मिल रही गलत जानकारी है। कलेक्टर के आदेश पर भू- अभिलेख शाखा ने सभी तहसीलों को 296 हलकों में पदस्थ पटवारियों, पदस्थापना अवधि समेत अन्य जानकारियां मंगवाई हैं।
इस जानकारी के आधार पर पुराने पटवारियों के हलकों में परिवर्तन किया जाएगा लेकिन तहसीलों से जानकारी भेजने में पहले टालमटोल किया जाने लगा। इसके बाद जो जानकारी भेजी गई वह भी नाकाफी है। कई पटवारियों की सही जानकारी नहीं भेजी गई। इधर सरकार ने प्रमाण पत्र मांगा है। मतलब कितने पटवारियों के हलकों में बदलाव किया गया है, उसकी पुष्टि के लिए प्रमाण मांगा गया। रायगढ़ में अभी तक इस आदेश पर अमल नहीं किया जा सका है। अब भू-अभिलेख शाखा ने तहसीलों को सही जानकारी भेजने का आदेश दिया है।
मलाईदार हलका पाने की जद्दोजहद
सूत्रों के मुताबिक कई पटवारी हलका बदलने की आहट से चिंतित हैं। वे दूसरे मलाईदार हलकों में पोस्टिंग के लिए सेटिंग में लग गए हैं। कुछ पटवारी तो म्युच्युअल ट्रांसफर की तरह आपस में ही डील करने लगे हैं। रायगढ़ शहर और आसपास के हलकों को हासिल करने के लिए आधा दर्जन पटवारियों की कश्मकश चल रही है।
