तौल मशीन को POS से कनेक्ट करने का विरोध, व्यवस्था को दुरूस्त करने हुआ है डिजीटलीकरण
रायगढ़। केंद्र सरकार ने पीडीएस सिस्टम में चल रही चोरी को रोकने के लिए डिजिटल उपकरणों का सहारा लिया है। पहले पीओएस मशीन भेजी और अब इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीन को भी पीओएस मशीन से जोड़ दिया है। इसको लेकर दुकान संचालक बिफर गए हैं। बुधवार को दुकान संचालक और विक्रेता संघ ने विरोध जताकर ज्ञापन सौंपा है।
छग के सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई चीजों में बदलाव की जरूरत है। केंद्र सरकार ने दुकानों में हो रही राशन सामग्री की चोरी को रोकने के लिए लगातार व्यवस्था दुरुस्त करने बदलाव किया है। अभी भी कई दुकानों में हितग्राहियों को पूरा आवंटित चावल नहीं मिलने, शक्कर, दाल, चना आदि भी नहीं मिलने की कई शिकायतें आती हैं। ऐसी शिकायतों को जड़ से खत्म करने के लिए पहले ई-पॉस मशीन भेजी गई जिसे सभी दुकानों में स्थापित कर दिया गया। इसके बाद दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक तौल मशीनें भी भेजी गईं हैं। इससे दुकान संचालकों को समस्या हो गई है। दरअसल अब तौल मशीन में रखे गए वजन के बराबर की ही पर्ची ई-पॉस मशीन से निकल रही है। यह सीधे सर्वर से कनेक्ट है। इससे हितग्राहियों को पूरी सामग्री मिल रही है लेकिन दुकानों का मार्जिन घट गया है। कोई भी दुकानदार चावल कम देकर नहीं बच सकता। इसलिए विरोध शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि चावल वितरण के लिए पीएम गरीब कल्याण, छग खाद्य सुरक्षा, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और शक्कर के लिए अलग-अलग थंब लगाना पड़ रहा है। आधार से लिंक होने के कारण मशीन में हितग्राही की जानकारी आ जाती है। दुकान संचालकों का कहना है कि इसमें ज्यादा समय लग रहा है।
रोज नहीं खुलती दुकानें
जिले की सभी राशन दुकानों की व्यवस्था चरमरा गई है। दुकान को रोज खोलने का समय निर्धारित है। लेकिन कई दुकानें महीने में तीन-चार दिन ही खोली जाती हैं। बाकी दिन ताला लगा होता है। अब नई व्यवस्था में सभी हितग्राहियों को वितरण करने के लिए दुकानें रोज खोलनी पड़ेंगी। कुछ दुकानों में नेटवर्क की भी परेशानी है।
बारदानों का नहीं हुआ भुगतान
दुकान संचालकों का कहना है कि सर्वर की समस्या हमेशा बनी होती है। स्टॉक में भी गड़बड़ी हो रही है। वहीं 20-21 और 21-22 में दुकानों से पीडीएस बारदाना समितियों में भेजा गया था। इसका भुगतान भी दुकानों को नहीं मिला है।
