रायगढ़। जलसा मैरिज गार्डन बोईरदादर से लगी हुई विनोबा नगर की ओर जाने वाली पुरानी सड़क को अदालत ने सड़क ही रहने देने का आदेश दिया है। सिविल कोर्ट और नजूल अधिकारी के पुराने आदेशों को निरस्त करते हुए यह आदेश दिया गया है। करीब 20 साल से यह विवाद चल रहा था। मामला पहनं 13 बेलादुला की खसरा नंबर 291/4, 292/1 और 294/3 रकबा करीब 1200 वर्गफुट का है। यह जमीन 60-70 सालों से सार्वजनिक सडक़ के रूप में उपयोग की जा रही थी। इसी सडक़ का उपयोग विनोबा नगर के रहवासी भी करते रहे हैं। बाद में इसे बंद करने का प्रयास किया गया तो इसके विरुद्व अपील की गई।
नजूल न्यायालय और सिविल कोर्ट में भूमि पर कब्जा दर्शाने वाले नत्थूराम सोनी और प्रेम सोनी के पक्ष में फैसला हुआ था। इसके विरुद्ध जिला न्यायाधीश रजनीश श्रीवास्तव के समक्ष अपील दायर की गई। विनोबा नगर वार्ड 27 के महिला मंडल की ओर से फूलमती निराला और 36 वर्गफुट में शौचालय का निर्माण करने वाली सेवती बाई इजारदार ने अपील की थी। अपीलार्थी की ओर से शिवकुमार दुबे ने पैरवी की। अदालत ने प्रस्तुत दस्तावेजी प्रमाणों और बयानों के आधार पर आदेश दिया कि इस भूमि पर पहले से रोड थी जिसका उपयोग सभी लोग करते थे। अपील केवल सडक़ को लेकर थी जिसे बंद किया जा रहा था। कोर्ट ने आक्षित निर्णय व डिक्री को जो वादीगण के पक्ष में पारित की गई थी, को विधिविरुद्ध मानकर अपास्त करने का आदेश दिया है। प्रतिदावा की निरस्ती को विधिपूर्ण ठहराया है।
बहुत पुराना है जमीन विवाद
विनोबा नगर के लोगों ने रास्ते को बंद करने के खिलाफ यह अपील की थी। कई सालों तक नजूल न्यायालय में भी प्रकरण चला लेकिन वहां से विनोबा नगर वासियों को राहत नहीं मिली। अब जिला न्यायाधीश ने उक्त विवादित जमीन को रोड ही रहने देने का आदेश दिया है। इस रास्ते को निजी भूमि पर मानकर बंद किया जा रहा था।
