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Home | पहले तीन लोगों ने बांटी जमीन फिर किए 20 टुकड़े, न विकास अनुमति और न ही ले-आउट पास, मिट्ठूमुड़ा में सावित्री नगर के सामने हुई प्लॉटिंग

पहले तीन लोगों ने बांटी जमीन फिर किए 20 टुकड़े, न विकास अनुमति और न ही ले-आउट पास, मिट्ठूमुड़ा में सावित्री नगर के सामने हुई प्लॉटिंग

रायगढ़, 15 मार्च। कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले में अवैध प्लॉटिंग पर सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। रायगढ़ तहसील में जितनी सख्ती बढ़ाई जा रही है उतने ही अवैध प्लॉटिंग के मामले सामने आते जा रहे हैं। अब मिट्ठूमुड़ा का मामला सामने आया है जिसमें तीन लोगों ने पहले एक जमीन को तीन भागों में बांटा। बाद में उसके 20 टुकड़े कर दिए। इसमें भी जांच की जा रही है। शहर के कोने-कोने में भू-माफियाओं ने अवैध प्लॉटिंग कर कॉलोनियां काट ली हैं। कृषि भूमि खरीदकर उसे डायवर्सन कराने के बाद वर्गफुट के हिसाब से बेचने का कारोबार धड़ल्ले से चला है। अब राजस्व विभाग और नगर निगम ने कार्रवाई शुरू की है तो बिल्डरों में हलचल मच गई है। अब एक और मामला मिट्ठूमुड़ा का सामने आया है। यहां करीब 4 एकड़ भूमि को 20 टुकड़ों में बेचा गया है।

जमीन पहले अशोक मोदी, अजीत मेहता और तनुश्री चटर्जी ने आपस में तीन हिस्सों में बांटी। इसके बाद अपने-अपने हिस्से को टुकड़ों में बेच दिया। मूल खसरा नंबर 25 से ही 20 टुकड़े बने हैं। दो टुकड़े अभी भी भूमि स्वामियों के नाम पर हैं। दोनों ओर प्लॉट काटकर बीच में रोड भी निकाली गई है। जो जमीनें ज्यादा बड़ी हैं, उनमें बाउंड्रीवॉल भी कर ली गई है। बताया जा रहा है कि यहां बंटी, दिनेश और गोपाल की तिकड़ी ने ही जमीन बिकवाने का ठेका लिया था। सुलोचना देवी, अमित मोदी, मयूर अंबवानी, वेदप्रकाश गोयल, गीता पटेल, सुरभि अग्रवाल, अंकित बंसल, नितेश बंसल, तनुश्री चटर्जी, निरंजन लाल बत्रा, नीरू अग्रवाल, अनुराग जिंदल, शुभम अग्रवाल, अमिष अग्रवाल, रविंद्र गुप्ता, रजत गुप्ता, मनोज कुमार तेजवानी, रवि तेजवानी, भावना तेजवानी, अजय कुमार अग्रवाल और सुभाष अग्रवाल के नाम पर जमीनें हैं।

एसडीएम ने दिए हैं जांच के आदेश

मिट्ठूमुड़ा में सावित्री नगर के सामने रोड किनारे हुए इस अवैध प्लॉटिंग की जानकारी प्रशासन को भी है। बताया जा रहा है कि एसडीएम ने जांच के आदेश दिए हैं। इसमें भी क्रेताओं और विक्रेताओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा सकती है। बहुत ही आसानी से बिक्री नकल लेकर जमीनों की रजिस्ट्री करा ली गई। तत्कालीन पटवारी और डायवर्सन शाखा प्रभारी की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।