एक फास्ट फूड ठेला व्यवसायी झेल रहा परेशानी, कोतरा रोड निवासी का पता नहीं कर पा रही पुलिस, पूर्व में भी पड़ चुका है छापा
रायगढ़। जीएसटी में फर्जीवाड़ा करने वालों की लंबी फेहरहिस्त रायगढ़ में है। कई कारोबारी इनपुट टैक्स क्रेडिट फ्रॉड में फंस चुके हैं। इसके अलावा नई फर्म बनाकर फरवरी तक व्यापार करने और मार्च में कंपनी बंद करने का तरीका भी बहुत लोग अपना रहे हैं। इस वजह से एक चाउमिन ठेला लगाने वाला गरीब आदमी परेशानी झेल रहा है। कोतरा रोड निवासी युवक ने बिल्डिंग मटेरियल फर्म का रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद डेढ़ करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा किया। इस मामले में अभी तक आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर है। वहीं स्टेट जीएसटी टीम भी उसका बाल तक बांका नहीं कर सकी है।
दरअसल, इसके पीछे युवाओं का एक ग्रुप है। बेहद आसानी से फर्जी फर्म खोलकर कुछ महीनों तक ट्रांजेक्शन किया जाता है। फिर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने के बाद फर्म को बंद कर दिया जाता है। चूंकि दूसरे के नाम पर फर्म होती है इसलिए ये पकड़े नहीं जाते। आकाश जोगी पिता राजेश कुमार जोगी निवासी कोतरा रोड सोनिया नगर का गौरीशंकर मंदिर रोड पर फास्ट फूड सेंटर है। उसने आधार कार्ड में पुरानी फोटो होने के कारण उसने अपडेट कराने के लिए परिचित विशेष अग्रवाल उर्फ चीनू निवासी कोतरा रोड को दिया था। इसके साथ फोटो और पैन कार्ड की फोटोकॉपी भी दिया था।
विशेष अग्रवाल का सोनल इंटरप्राइजेस के नाम से कोतरा रोड में कारोबार है। स्टेट जीएसटी की ओर से आकाश ट्रेडर्स के नाम पर डेढ़ करोड़ का नोटिस दिया गया तो मामला खुल गया। आकाश का आधार और पैन यूज कर विशेष अग्रवाल ने नई फर्म खोली थी। उसके नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया। इस मामले में पुलिस की जांच अंधी गली में चल रही है। इधर आकाश ट्रेडर्स से कारोबार कर चुके व्यापारी कमल अग्रवाल को भी नोटिस दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक पूर्व में डीजीजीआई ने भी कोतरा रोड की एक फर्म में छापा मारा था। तब भी ऐसी ही कहानी सामने आई थी।
दोबारा नहीं आए जीएसटी वाले
इधर चाऊमीन ठेला लगाने वाले आकाश जोगी का कहना है कि एक ही बार जीएसटी वाले अधिकारी उसके पास आए थे। उसकी हकीकत जानने के बाद दोबारा कोई नहीं पहुंचा। आकाश का कहना है कि जिस आदमी के कारण वह इतनी परेशानी झेल रहा है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। पुलिस में शिकायत के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वहीं जीएसटी वाले भी उसके पास पहुंच गए लेकिन फर्जीवाड़े के सरगना तक नहीं पहुंच सके हैं।
