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Home | Raigarh News : पुलिस को नचा रहा बिल्डर चुपचाप बनवा रहा रोड…. फरार अनिल केड़िया की आखिरी लोकेशन रायपुर, मोबाइल बंद होने के कारण पतासाजी नहीं कर पा रही पुलिस, दो समाजों के कब्रिस्तान को किया समतल

Raigarh News : पुलिस को नचा रहा बिल्डर चुपचाप बनवा रहा रोड…. फरार अनिल केड़िया की आखिरी लोकेशन रायपुर, मोबाइल बंद होने के कारण पतासाजी नहीं कर पा रही पुलिस, दो समाजों के कब्रिस्तान को किया समतल

रायगढ़। कानून के हाथ बहुत लंबे होते हैं लेकिन बिल्डर अनिल केडिया तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। गोवर्धनपुर में नदी किनारे दो समाजों के कब्रिस्तान के निशान तक मिटा देने वाला अनिल केडिया अब तक फरार है। पुलिस ने उसके मोबाइल फोन लोकेशन के आधार पर पतासाजी की तो रायपुर में आखिरी लोकेशन मिला। पता चला है कि वह तमनार में रोड निर्माण का काम करवा रहा था।

गोवर्धनपुर में भी बिल्डर अनिल केडिया और उसके पार्टनरों ने कॉलोनी काटने के लिए सरकारी जमीन समेत कब्रिस्तान पर भी जेसीबी चलवा दी। दो समाजों के कब्रिस्तान भी बिल्डर की मनमानी के कारण रौंद दिए गए। अब वहां पर किसी भी कब्र के निशान तक नहीं मिलते। इस मामले में चक्रधर नगर पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया। एफआईआर के बाद अनिल केडिया को पकडऩे में पुलिस फिसड्डी साबित हो रही है। पुलिस के रिकॉर्ड में फरार बिल्डर तमनार में देखा गया है। सडक़ निर्माण करवाने के लिए वह तमनार गया था, लेकिन पुलिस को वह नहीं मिलता।

पुलिस ने मोबाईल लोकेशन के आधार पर पतासाजी की तो आखिरी लोकेशन रायपुर की मिली है। इसके बाद मोबाइल नंबर ही बंद मिला है। रायगढ़ पुलिस का चरित्र ऐसे ही सामने आता है। झूठे आरोप में किसी आदिवासी को चंद मिनटों में गिरफ्तार कर लिया जाता है लेकिन किसी रसूखदार का नाम सामने आते ही पुलिस अधिकारियों को पसीना आ जाता है। अभी तक अनिल केडिया को पकडऩे में नाकाम पुलिस केवल पतासाजी कर रही है।

पंचनामा में सब कुछ साफ
कॉलोनी के लिए सरकारी जमीन को भी कब्जाने की तैयारी कर ली गई थी। अगर वहां कब्रिस्तान नहीं होता तो सरकारी जमीन पर भी प्लॉट काटकर बेच दिया गया होता। तहसीलदार ने जांच कर पंचनामा तैयार किया जिसमें सबकुछ साफ हो गया है। निजी भूमि खनं 12/2 कुल रकबा 0.607 हे. में से 0.112 हे. में और खनं 9/3 कुल रकबा 1.822 हे. में से 0.007 हे. भी श्मशान भूमि के रूप में उपयोग की जा रही थी। सरकारी जमीन खनं 9/1 कुल रकबा 2.007 हे. में से 0.106 हे. को भी श्मशान व कब्रिस्तान के रूप में उपयोग किया जा रहा था। पूरी जमीन को समतल कर दिया गया। निजी भूमि खसरा नंबर 12/2 और 9/3 द्वारिका प्रसाद, गंगाप्रसाद, पार्वती, लक्ष्मीदेवी, चंद्रिका प्रसाद, सरोज, लव कुमार के नाम पर कृषि भूमि के रूप में दर्ज है।

क्या कहते हैं प्रवीण
हमने मोबाइल लोकेशन से अनिल केडिया की पतासाजी की थी। उसका आखिरी लोकेशन रायपुर था। अभी भी वह फरार है: प्रवीण मिंज, टीआई चक्रधरनगर