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यह तो गजब है ! सरपंच ने पति के नाम बैंक से किया लाखों का आहरण

सूचना के अधिकार से मिली जानकारी, पंचायत रोकड़ पंजी के भौतिक सत्यापन कर कार्रवाई की उठी मांग

मालखरौदा। ग्राम पंचायतों में भले ही राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण होने का दावा किया जा रहा हो लेकिन धरातल पर तस्वीर अलग है। महिला पद का उनके पति खुलेआम दुरुपयोग किये है। ताजा मामला मालखरौदा जनपद की ग्राम पंचायत अमलीडीह का आया है। यहां के सरपंच पति ने पत्नी के सरपंच होने का फायदा उठाया गया है।

पूर्व सरपंच श्रीमती हीराबाई ने अपने पति बलभद्र के नाम पर बहुत बड़ी कारगुजारी की है। जो पंचायत राज अधिनियम के साथ खिलवाड़ है। सरपंच पति के नाम पर पंचायत में हुए विभिन्न कार्य के लाखों रुपये के बिल निजी नाम पर चेक जारी कर पंचायत खाते से राशि आहरित कर ली है। इसकी जानकारी सूचना के अधिकार से प्राप्त हुई है और बैंक से लाखों रुपये राशि आहरित की है। अगर सत्र 2010 से 2015 तक की कैशबुक रोकडपंजी की भौतिक सत्यापन किया जाए तो सबसे ज्यादा अगर राशि बैंक से आहरण हुआ है तो पूर्व सरपंच के पति के नाम पर चेक जारी किया गया है जो पंचायत राज अधिनियम की विपरीत है। बहरहाल जो भी हो अमलीडीह ग्राम पंचायत में शासकीय राशि की खुलकर दुरुपयोग किया गया है जो समझ से परे है।

सचिव की कार्यशैली कठघरे में

 ग्राम पंचायत अमलीडीह के पूर्व सचिव की संलिप्तता भी इस मामले में सामने आई है। आखिरकार नियमों के जानकारी सचिव को होते हुए भी क्यों सचिव ने सरपंच पति के नाम पर बिल लगाकर राशि आहरण करवाई।

गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों की खुलेगी हकीकत

ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत अमलीडीह में पूर्व सरपंच पति की मनमानी इस कदर हावी था कि गांव के निवासरत ग्रामीण जन परेशान थे।ग्रामीणों का तर्क है कि जब पूर्व सरपंच महिला पद पर थी तो उसके पति क्यों कामकाज में दखलंदाजी किए जाने की भी बात सामने आई है। अधिकारियों को इस विषय पर सघन जांच करवाने की जरूरत है और इनके पूर्व में जितने भी राशि सरपंच पति के नाम पर चेक जारी कर राशि बैंक से आहरण किये होंगे उसे रिकवरी कराने की जरूरत है लेकिन ऐसे मामले में अधिकारी भी कोई ध्यान नहीं देते हैं। पूर्व सरपंच पति के द्वारा जो निर्माण कार्य कराए गए होंगे वो भी गुणवत्ताहीन तरीके से कराये गए होंगे जिसकी हकीकत भी भौतिक सत्यापन जांच के बाद सामने आ जाएगी। 

मनरेगा में खुलकर भ्रष्टाचार की आशंका

ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के तहत किये गए निर्माण कार्यों में भारी भरकम राशि की फर्जी भुगतान होने की बात सामने आ रही है। मजदूरी भुगतान में जो भी कार्य नहीं किये गए हंै उनके नाम पर भुगतान किए जाने की बात आ रही है। पुराने कार्यकाल की मामला है तो ज्यादा कहा नहीं जा सकता परन्तु अगर शासन-प्रशासन मनरेगा की मजदूरी भुगतान की जांच हो तो करोड़ों के गबन का मामला सामने आ सकता है।

क्या कहते हैं संदीप

मेरे पास ग्राम पंचायत अमलीडीह की कोई शिकायत नहीं मिली है। शिकायत होती तो आज पर्यंत जांच जरूर होती और अगर सरपंच पति के नाम पर चेक जारी किया होगा तो निश्चित रूप से नियमानुसार कार्रवाई होगा : संदीप पोयाम, सीईओ, जनपद पंचायत मालखरौदा

क्या कहतेे हैं वेदराम

पूर्व सरपंच पति के नाम पर निर्माण कार्यों के भुगतान के लिए चेक जारी किया गया था: वेदराम साहू, पूर्व सचिव, ग्राम पंचायत अमलीडीह