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Raigarh News : तहसीलदार कह रहे जमीन में रोड बनी, एसडीएम कह रहे नहीं बनी

रायगढ़। खरसिया ब्लॉक से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिस जमीन पर 18 साल पहले बायपास रोड बनाई गई है, उसका मुआवजा नहीं मिला है। तहसीलदार ने आदेश में जमीन से 80 फुट की रोड गुजरने का उल्लेख किया है लेकिन एसडीएम इसे नकार रहे हैं।

दरअसल रायगढ़ जिले में राजस्व विभाग किसी संहिता या अधिनियम से नहीं चलता। रायगढ़ जिले में पदस्थ राजस्व अधिकारियों का अपना भूमि अधिग्रहण कानून चलता है। जिस अधिकारी को जो ठीक लगता है, वही नियम बन जाता है। खरसिया का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। विष्णु प्रसाद शर्मा पिता गिरधारी लाल शर्मा निवासी खरसिया अपनी भूमि खनं 58/4 रकबा 0.2870 हे. का मुआवजा पाने के लिए 18 साल से संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने तहसीलदार की कोर्ट में नक्शा-बटांकन का आवेदन प्रस्तुत किया। वहां से आदेश में हल्का पटवारी के प्रतिवेदन का उल्लेख करते हुए कहा गया कि उक्त भूमि से 80 फुट की बायपास सडक़ गुजरी है। मौके पर नक्शा पेन्सिलिंग किया गया। मतलब जमीन पर सडक़ बनाई गई है। तहसीलदार खरसिया का यह आदेश 10 अक्टूबर 2022 का है।

वहीं एसडीएम खरसिया ने 10 जनवरी 2023 को आवेदक विष्णुप्रसाद शर्मा को एक जानकारी का लिखित जवाब भेजा है। एसडीएम ने कहा है कि ठाकुरदिया से होकर गुजरी बायपास सड़क में प्रभावित भूमि का मुआवजा राशि इसलिए नहीं मिली क्योंकि जमीन प्रभावित ही नहीं हुई। सडक़ निर्माण के समय पारित अवार्ड में यह जमीन प्रभावित नहीं हुई। आवेदन पर राजस्व निरीक्षक और हलका पटवारी से संयुक्त जांच करवाई गई। अब सवाल यह है कि तहसीलदार ने आदेश में जिस भूमि को प्रभावित बताया है, उसको एसडीएम ने अप्रभावित बताया।

अब हाईकोर्ट ने कहा-जल्द तय करें मुआवजा
यह प्रकरण 2005 का है जिसमें 2006 में अवार्ड पारित हुआ था। बाम्हनपाली से रेलवे गोदाम खरसिया तक बायपास रोड का निर्माण किया गया था। एसडीएम खरसिया से कोई राहत नहीं मिलने पर आवेदक ने हाईकोर्ट में अपील की थी। अदालत ने 9 जनवरी 2023 को कलेक्टर और एसडीएम को आदेश दिया है कि वे तीन महीने में आवेदक की मांग पर निर्णय लें। विधि अनुसार मुआवजा निर्धारण करने का आदेश दिया गया है।