रायगढ़। रायगढ़ मेडिकल कॉलेज को १० साल होने को आ गए हैं, लेकिन संसाधनों के मामले में अभी भी यह पिछड़ा हुआ है। यही हाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का है। दोनों ही संस्थानों में न तो फैकल्टी पूरे हैं और न ही दूसरे डॉक्टर। विधानसभा में स्वास्थ्य मंत्री ने एक सवाल के जवाब में इसकी जानकारी दी है।
सरकार ने रायगढ़ में स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की शुरुआत 2013 में की थी। अब तक दस साल बीत चुके हैं लेकिन निर्माण ही पूरा नहीं हो सका है। मेडिकल कॉलेज और उससे संबद्ध अस्पताल में संसाधनों की कमी है। सबसे बड़ी दिक्कत यहां स्टाफ की है। किसी भी वर्ग के स्टाफ और फैकल्टी पूरे नहीं हैं। विधानसभा में मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में वर्गवार, स्वीकृत और रिक्त पदों को लेकर विधायक प्रकाश नायक ने प्रश्न किया था। इस पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जवाब दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज में प्रथम श्रेणी के 91 पदों में 35 पद रिक्त हैं। इसमें ज्यादातर फैकल्टी ही हैं, जिनके सहारे भावी डॉक्टरों की पढ़ाई टिकी है। इसी कॉलेज में कुल 492 स्वीकृत पदों में से 219 रिक्त हैं। हॉस्पिटल में भी कुछ ऐसा ही हाल है। यहां 653 पदों में से करीब आधे 324 रिक्त पड़े हुए हैं। अस्पताल में प्रथम श्रेणी के दो पदों में से दोनों रिक्त हैं।
कई साल लगेंगे तैयार होने में
मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल को बनाने में ही 10 साल से ज्यादा समय लग चुका है। अब यहां पूर्व में किए गए निर्माण कार्यों की मरम्मत करने की जरूरत पड़ गई है। हॉस्पिटल को बनाने में ड्राइंग-डिजाइन में कई तरह की गलतियां की गई। इसे ठीक करने में ही कई साल लग गए हैं। अभी भी हॉस्पिटल तैयार नहीं हो सका है।
मेडिकल कॉलेज
पद श्रेणी स्वीकृत रिक्त
प्रथम श्रेणी 91 35
द्वितीय 129 40
तृतीय 176 90
चतुर्थ 96 54
हॉस्पिटल
पद श्रेणी स्वीकृत रिक्त
प्रथम श्रेणी 2 2
द्वितीय 18 17
तृतीय 313 136
चतुर्थ 320 169
