रायपुर। मछली पालन पूरे देश में एक लोकप्रिय व्यवसाय उबर कर सामने आया है. सरकार ग्रामीणों को इस व्यवसाय को अपनाने के लिए प्रोत्साहित भी करती है। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार प्रदेश में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए एक खास पहल पर काम कर रही है। इसके तहत मछली पालकों को 10 साल के लिए लीज पर तालाब और जलाशय दिए जा रहे हैं। जिससे किसान इसका फायदे लेकर अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं और समृद्ध हो सकते हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ में पहले तालाब और जलाशयों की नीलामी होती थी। तब नीलामी में ज्यादा से ज्यादा बोली लगाने वाले किसानों को तालाब और जलाशय दिए जाते थे। जिसके लिए किसानों को काफी ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते थे।
ऐसे में किसानों को सही मुनाफा नहीं मिल पाता था। लेकिन सरकार ने अब नीलामी प्रक्रिया को बंद कर तालाब और जलाशयों को 10 साल के लिए लीज पर देना शुरू दिया है, जिससे किसानों को काफी लाभ होगा। बता दें, मछली पालन के लिए केंद्र सरकार भी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चला रही है। इस योजना के तहत ग्रामीणों को मछली पालन पर 60 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है। बता दें कि तालाब के पट्टे के आवंटन में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह और मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाती है. साथ ही, एससी-एसटी वर्ग के मछुआ समूहों और मत्स्य सहकारी समिति को भी इस योजना का लाभ दिया जाता है।
