रायगढ़। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका को बढ़ावा देने के लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्वीकृति दी थी। ये पार्क अब विकसित होने के पहले ही गर्त में जा रहे हैं। दरअसल २५ मार्च को उद्घाटन किया जा रहा है लेकिन काम पिछड़ गया है। अब जल्दी काम के चक्कर में गुणवत्ता नदारद है।
सरकार ने हर ब्लॉक में दो रीपा शुरू करने के लिए मंजूरी दी थी। एक पार्क में करीब दो करोड़ की लागत मंजूर की गई है। इसमें से करीब १.१० करोड़ रुपए औसतन निर्माण कार्यों में खर्च की जानी है। प्रत्येक रीपा में मल्टीएक्टिविटी वर्क होंगे। महिला समूह हों या कोई ग्रामीण संस्था, इस पार्क जगह का उपयोग करके आजीविकामूलक काम करेंगे। रायगढ़ ब्लॉक में डोंगीतराई और पंडरीपानी पश्चिम में रीपा के निर्माण कार्य हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि २५ मार्च को मुख्यमंत्री इसका शुभारंभ करने वाले हैं। गोठानों को ही विस्तार कर रीपा का रूप दिया गया है। डोंगीतराई और पंडरीपानी प. में हेचरी यूनिट निर्माण, वर्किंग शेड निर्माण समेत कई तरह के काम चल रहे हैं। डोंगीतराई में कुल १.११ करोड़ और पंडरीपानी प. में भी १.११ करोड़ से निर्माण किया जा रहा है। दोनों जगहों पर ५०-५० लाख के हेचरी यूनिट बनाए जा रहे हैं। इनमें गुणवत्ता बहुत खराब है। शेड दीवारों के बाहर न आकर अंदर ही रह गए हैं। फ्लाई एश ईंटों की क्वालिटी भी सही नहीं है। दीवारों सीमेंट और बालू का सही मिश्रण उपयोग नहीं हो रहा है। अगले सात दिनों में उद्घाटन होना है लेकिन यहां काम आधा भी नहीं हो सका है। शेड निर्माण पूरा होने के बाद प्लास्टर और रंगरोगन का काम बाकी है। शेड के लिए कॉलम खड़े किए जा रहे हैं, वह उखड़ रहा है। छड़ भी जहां जैसा चाहा वैसा उपयोग किया गया है।
ठेका देने में देरी, अब काम भी खराब
दोनों रीपा प्रोजेक्ट का काम देर से शुरू हुआ। नवंबर-दिसंबर २०२२ तकनीकी स्वीकृति के बाद पहले इसका ठेका आरईएस को देने का निर्णय लिया गया था। वहां से टेंडर करके मनचाहे ठेकेदार को काम देने की प्लानिंग की गई थी। बात नहीं जमी तो ग्राम पंचायत को ही एजेंसी बनाया गया। इस उधेड़बुन में एक महीना निकल गया। अब ग्राम पंचायत से कई लोगों को ठेका बांटा गया है। अब काम खराब हो रहा है। शेड का निर्माण भी गुणवत्ताहीन है।
कलेक्टर ने जनपद सीईओ को लगाई डांट
रायगढ़ ब्लॉक में डोंगीतराई और पंडरीपानी पश्चिम का चयन भी सवालों में है। दोनों महज पांच किमी के दायरे में आते हैं। रायगढ़ ब्लॉक के दूसरे किसी गोठान को चुना जाता तो दूसरे क्षेत्र में भी गतिविधियां होतीं। अब निर्माण में भी लापरवाही हो रही है। पिछले दिनों कलेक्टर ने दोनों रीपा का दौरा किया था। काम की गति और गुणवत्ता को देखकर उन्होंने नाराजगी जताई। बताया जा रहा है कि उन्होंने रायगढ़ जनपद सीईओ रुपेंद्र पटेल को फटकार भी लगाई। रीपा का नोडल एपीओ राजेश साहू को बनाया गया था।
केवल सूपा के भरोसे रायगढ़ का रीपा
रायगढ़ जिले में १४ और सारंगढ़, बरमकेला को मिलाकर १८ रीपा का काम शुरू किया गया था। इसमें से सूपा गोठान में सबसे अच्छा काम हुआ है। रीपा का कॉन्सेप्ट जैसा सोचा गया था, क्रियान्वयन भी तकरीबन वैसा ही हुआ। इसी वजह से कोई भी मंत्री या आला अधिकारी आए, उसे सूपा का निरीक्षण कराया जाता है। लेकिन उसके मुकाबले बाकी प्रोजेक्ट कहीं नहीं टिकते। सूपा को एक तरह से रायगढ़ के रीपा योजना का हस्ताक्षर मान लिया गया है।
क्या कहते हैं अबिनाश
हमारे दूसरे प्रोजेक्ट अच्छे से बन रहे हैं। डोंगीतराई और पंडरीपानी पश्चिम में सरपंच व कुछ अन्य लोगों ने गड़बड़ी की है। उन पर कार्रवाई कर रहे हैं। कमियों को दूर कर लिया जाएगा।
– अबिनाश मिश्रा, सीईओ, जिला पंचायत
