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Raigarh News : 22 टुकड़ों में बेच दी 12 एकड़ जमीन, न अनुमति न पंजीयन, नाले की जमीन को भी दबाया 

सावित्री नगर के पास जमीन में काटे कमर्शियल प्लॉट, एक सेठ के लिए राजस्व विभाग ने बदले अपने नियम

रायगढ़, 5 मार्च। सावित्री नगर के पास करीब 12 एकड़ जमीन पर 22 टक़ड़े करके बेच दिए गए हैं। हैरानी की बात है कि इसके लिए न तो कोई अनुमति ली गई और न ही पंजीयन कराया गया। खरीदार खोजे और रजिस्ट्री करवा दी। अवैध प्लॉटिंग को रोकने का दावा करने वाले राजस्व विभाग को यह मामला आईना दिखा रहा है। निजी जमीनों पर आवासीय या कमर्शियल प्लॉटिंग के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं। बिना विकास अनुज्ञा और रेरा पंजीयन के जमीनों पर प्लॉटिंग करना अवैध है। इसके बावजूद कई कारोबारी ऐसे कृत्यों में लिप्त हैं। उन्हें न तो नियमों की परवाह है और न ही अफसरों का डर।राजस्व विभाग के नियम तो जैसे इनके सामने कोई मायने नहीं रखते। सावित्री नगर के पहले मोड़ पर करीब 12 एकड़ जमीन पर एक सेठ ने प्लॉटिंग की है।

मिली जानकारी के मुताबिक आधा-आधा एकड़ जमीन करीब 22 लोगों को बेची गई है। खरीदने वाले भी सभी रायगढ़ शहर के कारोबारी हैं। इसके पूर्व कोई भी विकास अनुमति नहीं ली गई है। यही नहीं जमीन के किनारे से गुजर रहे नाले को भी पाटा गया है। मिट्ठूमुड़ा से कैदीमुड़ा की ओर आ गंदे पानी की निकासी इसी नाले से होती है। नाले को पाटकर नाली जितनी चौड़ाई छोड़ी गई है। बरसात में पूरे मोहल्ले का गंदा पानी इसी नाले से होकर निकलता है। प्लॉटिंग एरिया को पाटकर ऊंचा कर दिया गया है। जाहिर सी बात है कि नाले की जमीन पर भी अतिक्रमण किया गया है।

दो साल से चल रहा है काम

ऐसा नहीं है कि रातोंरात इस जमीन पर प्लॉटिंग करके बिक्री कर दी गई। दो सालों से समतलीकरण और सीसी रोड का काम चल रहा है। कारोबारी ने बहुत आराम से बिना किसी रुकावट के प्लॉट बेचे। इस पर कार्रवाई तो दूर कोई झांकने तक नहीं गया। बीते दिनों नगर निगम और राजस्व विभाग की टीम ने मौके पर जाकर कार्रवाई करने का प्रयास किया, लेकिन नोटिस नहीं मिलने की बात कहकर बिल्डर ने कार्रवाई सात दिन के लिए टाल दी।

नालों की वास्तविक चौड़ाई घटी

शहर में गंदे पानी की निकासी के लिए पुराने नालों की चौड़ाई घटती जा रही है। पहले ही जलभराव के कारण परेशानी होती है। इस पर कोई कार्रवाई नहीं होती। सावित्री नगर प्लॉटिंग एरिया में भी नाले को नाली बना दिया गया है। एक ओर से मिट्टी पाट दी गई है। बाउंड्रीवॉल के किनारे नाली जितनी चौड़ाई छोड़ी गई है। सीमांकन में पता चल जाएगा कि नाले की कितनी जमीन दबाई गई है।