जामपाली में स्टॉक गड़बड़ी की भी जानकारी ली, दो ग्रेड के प्रोडक्शन और स्टॉक पर उठे सवाल
रायगढ़। सोमवार को एसईसीएल के निदेशक तकनीकी रायगढ़ दौरे पर थे। उन्होंने छाल माइंस के साथ जामपाली को भी दौरे में शामिल कर लिया। बताया जा रहा है कि जामपाली में स्टॉक को लेकर मनमानी की जानकारी उन तक पहुंची थी। उन्होंने सब एरिया मैनेजर से जामपाली माइंस के संचालन को लेकर चर्चा भी की।












घरघोड़ा क्षेत्र का एक कोल माफिया गिरोह एक बार फिर से जामपाली खदान में पकड़ बना चुका है। प्रोडक्शन कम होने और केवल पावर सेक्टर को सप्लाई का बंधन रहने के कारण कुछ समय के लिए इसकी पकड़ ढीली हो गई थी लेकिन अब उत्पादन बढऩे के साथ ही डीओ की मात्रा भी बढ़ गई है। पुराने समय की तरह फिर से वही लोग हावी होने लगे हैं। जी-10 और जी-15 के स्टॉक के इर्द-गिर्द ही पूरी कहानी घूम रही है। माइंस में जी-10 का स्टॉक जीरो दिखाया जाता है। दरअसल अलग-अलग ग्रेड के स्टॉक में शॉर्टेज भी होता जाता है। इसकी भरपाई करने के लिए नियम विरुद्ध काम भी किए जाते हैं।





जामपाली में 100 एमएम के कोयले का डीओ है। इसका उठाव भी चल रहा है। इसकी आड़ में ब्लास्टिंग का कोयला भी दिए जाने की जानकारी सामने आ रही है। मतलब 100 एमएम की जगह 250 एमएम स्टीम कोयला उठाया जा रहा है। इस काम में एक कोल माफिया संलिप्त बताया जा रहा है। सोमवार को एसईसीएल के डायरेक्टर टेक्निकल एसएन कापरी भी रायगढ़ दौरे पर आए थे। उन्होंने जामपाली का भी दौरा किया। इस दौरान स्टॉक को लेकर सब एरिया मैनेजर से उन्होंने लंबी चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने कड़े शब्दों समझाईश भी दी गई है।



छाल विस्थापितों के साथ बैठक
एसईसीएल की माइंस में पुनर्वास एक बड़ा मुद्दा है। छाल खदान विस्थापित भी लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। अभी तक इनकी मांगों पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि आज विस्थापितों के साथ डीटी की बैठक है। इसमें विस्थापितों की मांगों पर चर्चा होगी।
