रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय के लिए दो सौ एकड़ जमीन की तलाश अब तक खत्म नहीं हो सकी है। चपले और गढ़उमरिया में करीब सौ-सौ एकड़ जमीन खोजी गई है। हालांकि यहां वन भूमि का अड़ंगा है लेकिन दोनों में से एक लोकेशन को तय माना जा रहा है। छग शासन ने रायगढ़ जिले में शहीद नंदकुमार पटेल के नाम पर यूनिवर्सिटी खोले जाने की अनुमति दी थी। विवि का संचालन प्रारंभ हो चुका है। पहले केआईटी में, उसके बाद पॉलिटेक्निक कॉलेज में और अब वापस से केआईटी में सेटअप बैठाया गया है। विवि प्रबंधन ने राज्य शासन को अलग विवि बिल्डिंग और यूटीडी निर्माण के लिए 200 एकड़ जमीन मांगी थी।
उच्च शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन को सर्वे कर विवि के लिए जमीन आवंटित करने का आदेश दिया। राजस्व विभाग ने चपले, सेंद्रीपाली, कुसमुरा के आसपास करीब सौ एकड़ सरकारी जमीन खेजी है। इसमें कुछ हिस्सा वन भूमि है। इसके अलावा गढ़उमरिया में भी केआईटी के पास उद्योग विभाग की जमीन है। यहां भी सौ एकड़ जमीन ही है। इसमें भी वन भूमि है। दोनों जगहों पर जमीन तो मिल गई है जिसका सर्वे किया जा रहा है। फॉरेस्ट क्लीयरेंस का पेंच फंसा हुआ है, जो जल्द क्लीयर होने की उम्मीद है। विवि प्रबंधन इन दोनों जगहों में से किसी एक को ही तय करने वाला है। यहां कोई भी निजी जमीन नहीं ली जाएगी।
केआईटी को हर महीने डेढ़ लाख किराया
वर्तमान में विवि का संचालन केआईटी की पुरानी बिल्डिंग से किया जा रहा है। इसके बदले केआईटी को डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह किराया दिया जा रहा है। इस किराए से केआईटी के मेंटेनेंस में कुछ मदद मिल रही है। हालांकि नई जमीन आवंटन का काम धीमी गति से चल रहा है।
