रायगढ़, 10 मार्च। अपने मामा यहां से होली खेलकर घर लौट रहे स्कूटी सवार फायनेंस कर्मचारी की संजीवनी एक्सप्रेस की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। युवक अपने घर का इकलौता चिराग था। यह दुखद हादसा शहर के जूटमिल थाना क्षेत्र का है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत गढ़उमरिया में रहने वाला योगेश साव पिता मनबोध साव (21 वर्ष) बजाज फायनेंस कंपनी में काम करता था। बुधवार सुबह योगेश घर से काले रंग की एक्टिवा लेकर होली खेलने के लिये अपने मामा घर रायगढ़ आया था। ननिहाल में होली मनाने के बाद दोपहर लगभग डेढ़ बजे वह अपने घर जाने के लिए निकला था। एक्टिवा से बोन्दाटिकरा पुल पार करने वाला योगेश संस्कार स्कूल के समीप मणिकंचन केंद्र पहुंचा था कि विपरीत दिशा से अपेक्षाकृत तेज और लापरवाही पूर्वक रफ्तार से आ रही सफेद रंग की 108 संजीवनी एक्सप्रेस से उसकी भिड़न्त हो गई।
बताया जाता है कि संजीवनी की गिरफ्त में आते ही क्षतिग्रस्त एक्टिवा सड़क किनारे जा गिरी तो उसमें सवार योगेश बुरी तरह जख्मी होकर बेसुध पड़ गया। चूंकि, योगेश के चेहरे पर होली का रंग-गुलाल लगा था और हादसे में निकले खून से उसकी पहचान नहीं हो पाई। वहीं, संजीवनी चालक ने मानवता के नाते रक्तरंजित युवक को उठाया और अपने वाहन से मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लेकर गया तो प्रारंभिक परीक्षण में डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं, जब संजीवनी एक्सप्रेस से शव को जिला चिकित्सालय के मच्र्यूरी रूम ले जाया गया तो एक युवक ने मोबाइल फोन से मृतक की तस्वीर ली और उसे काशीराम चौक ले जाकर आने-जाने वालों को दिखाने लगा तो उसकी शिनाख्त योगेश साव के रूप में हुई। तदुपरांत, लोगों ने गढ़उमरिया जाकर साव परिवार को दुर्घटना की सूचना दी तो मामला थाने पहुंचा।
बुढ़ापे का सहारा छिनने से सदमे में परिवार
मनबोध साव के 3 संतानों में योगेश 2 बहनों का इकलौता भाई था। यही नहीं, पढ़ाई के साथ वह बजाज फायनेंस कंपनी में काम करते हुए अपने पिता की आर्थिक मदद भी करता था। ऐसे में घर के एकमात्र चिराग के असमय बुझने के सदमे से साव परिवार शोक के महासागर में डूब गया है। हालांकि, जूटमिल पुलिस भादंसं की धारा 304 ए के तहत मुकदमा पंजीबद्ध कर छानबीन में जुटी है।
