सक्ती। कुछ दिन पहले जन औषधि केंद्र को लेकर भाजपाइयों ने काफी हो हल्ला किया था और खंड चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था। बता दें जन औषधि केंद्र में सस्ती दरों पर दवाइयां आम लोगों को प्राप्त होती थी, परंतु कुछ कारणवश अचानक जहां जन औषधि केंद्र संचालित होता था उसे खाली करा दिया गया। इसमें खूब राजनीति हुई, अधिकारी एक दूसरे के ऊपर बंद कराने के लिए मौखिक आदेश का आरोप-प्रत्यारोप भी मढने लगे। फिर यह आश्वासन दिया गया कि सोमवार तक जन औषधि केंद्र फिर से अस्पताल परिसर में प्रारंभ कर दिया जाएगा, मगर सोमवार को एक पहर बीत जाने के बाद भी वहां जन औषधि केंद्र को प्रारंभ नहीं किया जा सका। इसकी जानकारी जब भाजपाइयों को लगी, तब वे अपनी टीम बनाकर आज फिर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और विकास खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जन औषधि केंद्र के मामले को लेकर पूछताछ करने पहुंच गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने चर्चा के दौरान कहा कि अभी तत्काल ही इसे फिर से उसी कमरे में प्रारंभ किया जा रहा है, जहां पहले जन औषधि केंद्र संचालित होता था लेकिन उनके बातों को भरोसा ना कर भाजपाई वहां डटे रहें ताकि पहले जन औषधि केंद्र के समान कमरे में आ जाए। उसके बाद ही यहां से जाया जाएगा। हालांकि, मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पत्रकारों के जवाब में कहा कि जन औषधि केंद्र जहां पहले संचालित होता था, वहीं पर होगा। अब देखना यह है कि क्या मंगलवार से फिर लोगों को अपने पुराने जगह पर जन औषधि केंद्र से सस्ती दरों पर दवाइयां मिल पाती है की नहीं।
कई दिनों से बंद पड़ी है जन औषधि केंद्र
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संचालित होने वाली जन औषधि केंद्र कई दिनों से बंद पड़ी है। इस पर खूब राजनीति भी हुई अधिकारी भी एक दूसरे को जिम्मेदार बताते रहे, लेकिन इन सब बातों से आम लोगों को जो परेशानी हुई इससे किसी को कोई मतलब नहीं, लोगों को कई दिनों तक सस्ती दरों पर दवाइयां नहीं मिली। आखिर यह सब किसके इशारे पर हुआ यह भी मालूम नहीं चल पाया। यह बात अच्छी रही की एक राजनीतिक पार्टी ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई तो पत्रकारों ने भी जन औषधि केंद्र को खुलवाने के लिए अपनी आवाज बुलंद रखी।
