तरकेला समिति में अमानक खाद का मामला, लैब रिपोर्ट आने तक किसान डाल चुके थे खाद
रायगढ़, 15 जनवरी। उर्वरक कंपनियां हर साल अमानक खाद के कई लॉट सप्लाई करती हैं। इसकी सैम्पलिंग के बाद रिपोर्ट आते तक यह खेतों में डाला जा चुका होता है। इसका खामियाजा कई बार किसानों के अलावा समिति प्रबंधक भी भुगतते हैं। तरकेला में प्रबंधक को इसकी भरपाई करनी पड़ रही है। तरकेला समिति में कोरोमंडल कंपनी का उर्वरक सप्लाई किया गया था। कृषि विभाग ने इसके सैम्पल लिए और लैब को भेज दिया। रिपोर्ट आई तो खाद अमानक निकला। तब तक खाद किसानों को बांटा जा चुका था।
कृषि विभाग के एक अधिकारी ने किसानों को खाद अमानक होने की जानकारी दे दी। इसके बाद तरकेला समिति में हंगामा हो गया। किसानों ने प्रबंधक का घेराव कर दिया। मजबूरी में किसान ने दूसरी कंपनी का भंडारित उर्वरक बांट दिया। दोबारा बांटे गए खाद की कीमत नहीं ली गई। अब इसकी वसूली प्रबंधक से की जा रही है। इस वजह से प्रबंधक परेशानी में फंस चुका है। अमानक खाद मिलने पर किसानों को कोई क्षतिपूर्ति नहीं मिलती है। सरकार ही कंपनी पर कार्रवाई करती है।





