रायगढ़। प्रकृति और पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने का सबसे बड़ा जिम्मा वन विभाग पर होता है मगर जब विभाग के अधिकारी ही इसके साथ खिलवाड़ करने तो क्या होगा…। ऐसा ही एक मामला रायगढ़ में सामने आया है। यहां पर्यावरण पार्क रोज गार्डन में बरसों पुराने तालाब को विभाग ने महज पार्किंग स्थल बनाने के लिए पाट दिया है। इसको लेकर अब पर्यावरण से जुड़े लोग सवाल उठाने लगे हैं।
एनटीजी तालाबों के संरक्षणों को लेकर लगातार दिशा-निर्देश जारी कर रही है तो वहीं प्रदेश सरकार की ओर से इसके संरक्षण के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। ऐसे में अगर एक सरकारी विभाग ही तालाब को जमीदोज कर दें तो सवाल उठना लाजमी है। हाल ही में वनमंडल रायगढ़ कागजों में डबरी का निर्माण करने और पहले से स्थित डबरी में तालाब निर्माण करने के मामले में काफी सुर्खियों में आ चुका है मगर अब यहां एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देख और सुनकर लोग दंग रह गये हैं।
दरअसल, चक्रधरनगर टीवी टॉवर रोड में वन विभाग का पर्यावरण पार्क स्थित है जिसे लोग रोज गार्डन के नाम से जानते हैं। रोजाना यहां बड़ी संख्या में लोग सैर-सपाटे के लिए पहुंचते हैं। रोज गार्डन के अंदर कई छोटे-छोटे तालाब स्थित हैं जो कि इस गार्डन की सुन्दरता को बढ़ाने का काम करते हैं। इसमें मेन गेट के समीप ही एक पुराना तालाब भी स्थित था जिसके सौन्दर्यीकरण के लिए लाखों रुपये पूर्व में खर्च किये जा चुके हैं मगर अब वहां तालाब गायब हो चुका है और नजर आता है तो तालाब के नाम सिर्फ पोखरनुमा जगह क्योंकि इस पूरे के पूरे तालाब को विभाग ने पाट डाला और उसकी जगह दो पहिया वाहनों के लिए पार्किंग स्थल बना लिया है।

जबकि जानकारों की मानें तो रोज गार्डन में कभी इतनी अधिक भीड़ नहीं होती कि वहां वाहनों के पार्किंग के कारण जाम की स्थिति बने। प्रवेश द्वार के बाहर व रोड के दूसरे छोर में इतनी जगह थी कि आराम से पार्किंग होता था और यातायात प्रभावित भी नहीं होती थी। इसके बाद भी पार्किंग के नाम पर तालाब को पाट दिया गया।
फ्लाईएश डलवा कर पाटा गया
यह तो सभी जानते हैं कि उद्योगों से निकलने वाले राखड़ अर्थात फ्लाईएश पर्यावरण के लिए कितने नुकसानदेह है। इससे उपजाऊ जमीन भी बंजर हो जाती है। इसके बावजूद विभाग ने यहां तालाब को पाटने के लिए राखड़ का इस्तेमाल किया है। जाहिर सी बात है कि उस जगह से अब हरियाली हमेशा के लिए चली गई है।
जिम्मेदार कुछ कहने से बच रहे
इधर, तालाब को पाटने को लेकर वन एवं पर्यावरण प्रेमियों की ओर से सवाल उठाये जाने के बाद विभाग के जिम्मेदार इस मामले में कुछ कहने से बच रहे हैं। रेंज के प्रभारी कहते हैं कि यह उनके कार्यकाल नहीं है। उन्हें कोई जानकारी नहीं है। हालांकि सूत्रों की मानें तो यह सब पूर्व डीएफओ के कार्यकाल में किया गया है मगर यह निर्णय किस लिया गया, इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है।
