रायगढ़, 11 जनवरी। खरसियावासियों को नए साल में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। स्व. नंदकुमार पटेल ने जिन कामों के लिए कोशिश की थी, वह अब उनके पुत्र मंत्री उमेश पटेल के प्रयासों से पूरे हो रहे हैं। इस कड़ी में खरसिया शहर में रेल ओवरब्रिज की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी होने जा रही है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी ब्रिज की ओर से टेंडर प्रोसेस प्रारंभ कर दिया गया है। करीब 64 करोड़ मंजूरी दी गई है।












बिलासपुर-झारसुगुड़ा रूट पर रेल लाइनों की संख्या लगातार बढऩे के कारण बीच में पडऩे वाले शहरों में ओवरब्रिज की मांग बढ़ी है। खरसिया शहर लंबे समय से आरओबी नहीं होने के कारण भारी परेशानी झेल रहा है। अब लोगों को राहम मिलने वाली है। राज्य सरकार ने खरसिया में 64 करोड़ की लागत से आरओबी को मंजूरी दी है। भू-अर्जन के कारण इसमें थोड़ी देरी हुई लेकिन अब इसका टेंडर लगने जा रहा है। करीब सात मूल भूमिस्वमियों के लिए चार करोड़ का अवार्ड भी पारित हो गया है। वाय शेप में बनने वाले आरओबी के बनने से खरसिया शहर के अंदर का ट्रैफिक लोड बहुत कम हो जाएगा।





पुराने रेलवे फाटक से लेकर शीतला माता मंदिर के बीच आरओबी का निर्माण होगा। इसकी रोड तीन तरफ से उतरेगी। दरअसल, बिलासपुर से झारसुगुड़ा के बीच तीसरी लाइन शुरू होने के बाद ट्रेनों की आवाजाही भी बढ़ गई है। कोयले की रैक संख्या भी पिछले तीन सालों में दोगुनी से भी अधिक हो चुकी है। इसलिए खरसिया का रेलवे क्रॉसिंग बार-बार बंद होता रहता है। एक बार फाटक बंद होने पर दोनों ओर गाडिय़ों की लंबी लाईन लग जाती है। जब तक सभी गाडिय़ां क्रॉस होती हैं, दूसरी ट्रेन के आने का समय हो जाता है। पूरे शहर का ट्रैफिक अस्त-व्यस्त हो जाता है। इस समस्या को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने राज्य सरकार के समक्ष आरओबी की मांग रखी। इसे मंजूरी दे दी गई है। अब टेंडर प्रोसेस किया जा रहा है।
नंदकुमार पटेल ने की थी कोशिश
मिली जानकारी के मुताबिक स्व. नंदकुमार पटेल ने भी इस आरओबी के लिए प्रयास किए थे लेकिन तब राज्य में भाजपा की सरकार थी, इसलिए मंजूरी नहीं मिल पाई। उसके बाद प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। राज्य में कांग्रेस की सरकार आते ही उमेश पटेल ने आरओबी की मांग दोहराई। इसे तुरंत मंजूरी मिल गई। अब टेंडर प्रक्रिया जारी है। पीडब्ल्यूडी ब्रिज ने प्रोजेक्ट बनाकर टेंडर के लिए मुख्यालय को भेज दिया है।
कई कारोबारियों को होगी दिक्कत
शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में जाने के लिए रेलवे फाटक को पार करने की मजबूरी थी। आरओबी बनने से यातायात की समस्या से निजात मिलेगी। साथ ही कई कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आरओबी के नीचे कई कॉम्पलेक्स और पेट्रोल पंप भी रह जाएंगे। इनका बिजनेस कम हो जाएगा।
