एसईसीएल के कोयले की अलटी-पलटी सबसे ज्यादा
रायगढ़। कई महीनों तक शांत रहने के बाद अब जामपाली माइंस एक बार फिर से सुर्खियों में है। यहां कभी सुरक्षा का मुद्दा गहराता है तो कभी स्टॉक में गड़बड़ी सामने आती है। शॉर्टेज का मामला तो अभी तक नहीं सुलझा है। लगता है एसईसीएल की जामपाली माइंस कभी कोल माफिया के प्रभाव से मुक्त नहीं हो पाएगी। एक बार फिर इस माइंस में कोल माफिया की धमक देखने में आ रही है। जी-15 और जी-10 ग्रेड के स्टॉक प्वाइंट में उठाव के दौरान गड़बड़ी की जाती है। घरघोड़ा के एक कोल माफिया का दखल फिर से जामपाली में बढ़ चुका है।
कंपनियों के डीओ पर कोयला उठाने के दौरान ग्रेड का खेल होता है। जी-15 का डीओ होता है लेकिन माइंस में सेटिंग कर जी-10 का प्रोडक्शन करवाया जाता है। सब एरिया मैनेजर एके चौबे और नोडल की जानकारी में सब होता है। एक बार फिर से सोमवार को यही कारनामा दोहराया जाने वाला है। केवल एक ट्रांसपोर्टर को लाभ पहुंचाने के लिए लोडिंग में सेटिंग की जाती है। जी-15 के बजाय जी-10 कोयला दिया जाता है। कोल माफिया पहले से ही कंपनियों से डील कर लेता है। फिर उसी कोयले के एवज में मोटी रकम वसूलता है। फर्नेस में यह हाई क्वालिटी कोयला अच्छे से काम आता है।
अंदर ही रह जाती हैं गाड़ियां
जामपाली माइंस में हमेशा से गड़बड़ी होती रही है। कई बार सीबीआई की रेड भी माइंस में हो चुकी है। माइंस में रात में लोडिंग खत्म होने के बाद बची हुई गाडिय़ों को बाहर निकाल दिया जाता है लेकिन अभी कई गाडिय़ों को अंर ही रहने दिया जाता है।
