- पीडीएस का चावल हो रहा है रोलिंग, बिना धान के कहां से चावल ला रहे हैं मिलर, पुराने धान का चावल भी मिक्स इंडीकेटर में हो रहा पास
रायगढ़, 31 अगस्त। केंद्र और राज्य सरकार के बीच टकराव का असर अब कस्टम मिलिंग व्यवस्था पर भी होने वाला है। बताया जा रहा है कि अब चावल जमा किए जाने वाले गोदामों में भी छापेमारी हो सकती है। धान खत्म होने के बाद भी राइस मिलर चावल जमा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पीडीएस दुकानों से चावल खरीदकर दोबारा गोदामों में जमा किया जा रहा है। इसकी शिकायत केंद्रीय स्तर पर पहुंच गई है।
राइस मिलरों की मनमानी का नुकसान अब पूरे सिस्टम को उठाना पड़ेगा। चावल जमा के मामले में भी अब सरकारी एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। कई जिलों से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। इसमें रायगढ़ जिला भी एक है। वर्ष 22-23 में जमा किए गए चावल की मात्रा और उठाए गए धान के बीच गैप ही इस जांच का आधार बना है। राइस मिलरों ने जितनी क्षमता दिखाकर एग्रीमेंट किया, उसी अनुपात में मिलिंग होती तो चावल कब का जमा हो चुका होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।





पिछले दिनों एफसीआई ने राइस मिलों में जांच का आदेश दिया था। पसमें पता चला कि मिलरों के पास धान ही नहीं है। इसके बावजूद राइस मिलरों ने एफसीआई और नान में लॉट भेजे हैं। केंद्रीय एजेंसियों को इस बात की खुफिया सूचना मिली है कि पीडीएस दुकानों का चावल वापस से घूमकर उन्हीं गोदामों में जमा होने पहुंच रहा है। इसलिए संभावना जताई गई है कि अगले कुछ दिनों में छापेमारी हो सकती है।
मिलरों को मिली है चेतावनी
केंद्रीय जांच एजेंसियों के रडार में एफसीआई और नान के गोदाम हैं। कुछ राइस मिलरों के नाम भी सूची में हैं। सूत्रों के मुताबिक पीडीएस चावल का उपयोग चावल जमा करने में हो रहा है। केंद्र की टीमों के जल्द ही गोदामों का दौरा करने की सूचना दी गई है। इसलिए मिलरों के बीच हलचल मच गई है। सूत्रों के मुताबिक बीते दिनों कई मिलरों ने पीडीएस चावल जमा किए हैं जो स्टेक के बीच में डाले गए हैं।
