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Raigarh News : समितियों में चमत्कार, 44 प्रतिशत बढ़ा रकबा, सत्यापन नहीं कर पा रहा राजस्व विभाग, पिछले साल के आंकड़ों से तुलना में भारी बढ़ोतरी आई सामने

रायगढ़। कई सहकारी समितियों में इस साल तो चमत्कार हो गया। तीन साल की अवधि में समिति का रकबा दोगुना हो गया। पिछले साल की तुलना में 44 प्रतिशत रकबा बढ़ गया। ऐसी कई समितियां हैं जहां रकबा वृद्धि बहुत ज्यादा हुई है। इनका भौतिक सत्यापन करने के बजाय मामला दबाया जा रहा है। धान घोटालों के लिए बदनाम रायगढ़ में इस साल भी बड़ी गड़बड़ी की कहानी लिखी जा चुकी है। हर साल गड़बड़ी के लिए नया तरीका खोजा जाताहै। इस बार भी रकबा बढ़ोतरी को ही हथियार बनाया गया है। पिछले तीन सालों के रकबा वृद्धि की तुलना की जाए तो पता चलेगा कि किसी-किसी समिति में रकबा दोगुना हो चुका है।

घरघोड़ा ब्लॉक के कुडुमकेला समिति में 20-21 में 386 किसान और 690 हे. पंजीकृत रकबा था। 21-22 में आंकड़ा 498 किसान और 840 हे. तक पहुंचा। 22-23 में कुडुमकेला में 554 किसानों का 1208 हे. रकबे का पंजीयन हो गया। हैरत की बात है कि कोयला खदान वाले क्षेत्र में दो साल में रकबा दोगुना हो गया है। घरघोड़ी और कुर्मीभौना में भी 16-17 प्रश रकबा बढ़ गया है। तमनार के सराईपाली और उरबा में करीब 11 प्रश रकबा बढ़ गया है। यह कोई सामान्य बढ़ोतरी नहीं है। अचानक से इतना रकबा बढऩा संभव ही नहीं है। एक ओर कृषि भूमि कम होती जा रही है और यहां रकबा बढ़ रहा है।

धरमजयगढ़ की समितियां सुर्खियों में
पिछले साल लैलूंगा की समितियां सुर्खियों में रही। इस बार धान माफिया ने धरमजयगढ़ का रुख किया है। यहां नौ समितियों में दस प्रश से अधिक रकबा बढ़ा है। इसमें सिसरिंगा, ससकोबा, खम्हार, जमरगी डी, लिप्ती, गेरसा, धरमजयगढ़, पोड़ीछाल और कुड़ेकेला है। सिसरिंगा में भी 32 प्रश और ससकोबा में 24 प्रश रकबा बढ़ गया है। पुसौर के नवापारा ब और कोसमंदा में भी रकबे में भारी वृद्धि हुई है।

बंगुरसिया में भी हुआ कमाल
रायगढ़ ब्लॉॅक का बंगुरसिया इस बार बहुत चर्चा में है। इस समिति में 20-21 में 480 किसान और 757 हे. रकबा था। 21-22 में 603 किसानों के 831 हे. का पंजीयन हुआ। 22-23 में तो हद हो गई। इस बार 646 किसानों का 970 हे. रकबा बढ़ गया है। यहां भी रकबे में 17 प्रश बढ़ोतरी हुई है। दो सालों में डेढ़ सौ हे. धान रकबा बढऩा संदेहास्पद है। रायगढ़ जिले की 27 उपार्जन केंद्रों में रकबा 10 प्रश से अधिक बढ़ा है।