रायगढ़। धान खरीदी के प्रारंभ होने के पहले ही सरकार को झटका लगा है। सहकारी समितियों ने सात सूत्रीय मांगें रख दी हैं। 17 अक्टूबर को प्रबंधक और कर्मचारी रैली निकालने जा रहे हैं। प्रदेश स्तर पर यह प्रदर्शन होने वाला है। मांगें पूरी नहीं होने पर समितियों को धान खरीदी से पृथक करने की मांग की है। इस बार की धान खरीदी बहुत समस्याओं के बीच होने वाली है। पिछले साल कई समितियों को धान खरीदी के बाद शॉर्टेज की भरपाई करनी पड़ी जिसमें समितियां नुकसान में चली गई। समय पर उठाव नहीं होने के कारण भी समितियों को सूखत की भरपाई करनी पड़ी।
इस बार समिति प्रबंधकों ने पहले ही शर्तें सामने रख दी हैं। 17 अक्टूबर को हर जिले में समिति के कर्मचारी रैली निकालकर प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि जब तब सात सूत्रीय मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक वे धान खरीदी का बहिष्कार करेंगे। सरकार से मांग की जा रही है कि सहकारी समितियों को धान खरीदी से पृथक किया जाए। गत वर्ष खरीदी के दौरान कई समितियों में घपला हुआ जिसका पूरा दोष समिति कर्मचारियों पर ही मढ़ा गया। जबकि घोटाले में राजस्व कर्मचारियों के साथ कई दूसरे लोग भी शामिल थे।
भरी बैठक में उठाया लैलूंगा का सवाल
बीते छह अक्टूबर को निगम ऑडिटोरियम में समिति कर्मचारियों और संबंधित विभागों की बैठक ली गई थी। इसमें समिति प्रबंधकों ने पूछा कि राजपुर और लैलूंगा समिति में घपला करने वाले समिति कर्मचारियों पर तो कार्रवाई हो गई। लेकिन असली सूत्रधार राहुल पर कब कार्रवाई होगी। इस पर खाद्य अधिकारी ने कहा कि जांच चल रही है। जल्द ही उस पर भी कार्रवाई होगी।
