Skip to content
Home | रायगढ़ नगर निगम सामान्य सभा की बैठक रही हंगामाखेज

रायगढ़ नगर निगम सामान्य सभा की बैठक रही हंगामाखेज

रायगढ़, 28 फरवरी। नगर निगम की सामान्य सभा की बैठक इस मर्तबे भी हंगामेदार रही। सम्मेलन में पेश 15 एजेंडे को जनहित से परे देख भाजपा पार्षदों ने कुर्सी छोडक़र जमीन में बैठते हुए अपनी जमकर भड़ास निकाली। ऐसे में महापौर को विशेष आग्रह कर विपक्ष को मनाना पड़ा। काफी आरोप-प्रत्यारोप के बाद 5 एजेंडों को हंगामे के बीच आगामी बैठक में लाने का फैसला हुआ। वहीं, निगम में विपक्ष की भूमिका निभा रहे भाजपा पार्षदों ने आक्रामक तेवर अख्तियार करते हुए सवालों की खूब झड़ी लगाई। नगर पालिक निगम का साधारण सम्मेलन मंगलवार पूर्वान्ह साढ़े 11 बजे नियत था, मगर आधे घंटे विलंब से शुरू हुई। सभापति जयंत ठेठवार ने बैठक की शुरुआत प्रश्नकाल से की और इसके लिए उन्होंने एक घंटे का समय मुकर्रर कर रखा था। इसमें पार्षदों द्वारा लगाए गए सवालों का जवाब एमआईसी सदस्यों ने दिया। इस दौरान कुछ ऐसे भी सवाल थे, जिसका जवाब नगर निगम की ओर से आधा अधूरा और गलत भी दिया गया था। इसको लेकर विपक्ष के भाजपा पार्षदों ने नाराजगी जाहिर करते हुए हंगामा भी किया।

ऐसे में वातावरण में तनाव का जहर घुलते देख सभापति जयंत ठेठवार को लंच के लिए बैठक स्थगन की घोषणा करनी पड़ी। एक घंटे के बीच लंच के बाद स्थगित बैठक फिर शुरू हुई। बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने सामान्य सभा के प्रस्ताव में जनहित के बजाए स्वहित का प्रस्ताव लाने की बात को लेकर खूब हल्ला मचाया। दरअसल, नगर निगम में लंबे समय के बाद सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई थी। इसमे 5 पुराने और 10 नए सहित कुल 15 एजेंडों को सूची में शामिल किया गया था। काफी हो-हंगामा के बीच हुई इस बैठक में 5 एजेंडा को हंगामे के बीच आगामी बैठक में लाए जाने का निर्णय हुआ। वहीं 3 एजेंडा को शोर-शराबे के बीच निरस्त कर दिया गया, जबकि 7 एजेंडा को ही हरी झंडी मिल सकी। इस बीच विपक्ष के भाजपा पार्षदों ने यह आरोप लगाया कि शहर सरकार जनहित के बजाए स्वहित के एजेंडा को सामान्य सभा में लाई है। इस बात को लेकर निगम में काफी चिल्लपों भी हुआ। 

प्रश्नकाल में पूछे गए सवालों पर फुलफार्म में दिखे पार्षद                              

सामान्य सभा के सभापति ने प्रश्नकाल में पार्षदों द्वारा पूछे जाने वाले सवालों को ड्रॉ के जरिए निकालने की पारदर्शी व्यवस्था की थी। भगवानपुर के भाजपा नारायण पटेल ने शहर के प्रत्येक वार्ड में विकास की राशि की जानकारी मांगी थी। उन्हें जो जवाब दिया गया था उसमें पूरी जानकारी ही नहीं थी। इस बात को सदन में रखते ही भाजपा पार्षद आक्रामक हो गए। पार्षद नारायण पटेल ने खुला आरोप लगाया कि नगर निगम सीमा में शामिल नए वार्डों के साथ विकास में भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने आधी और गलत जानकारी देने वाले संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई की मांग करते हुए नाराजगी भी दिखाई। ऐसे में सभापति जयंत ठेठवार ने भाजपा के पार्षदों का समर्थन करते हुए कहा कि निगम आधी-अधूरी जानकारी दे रहा है तो यह गलत है। यह किसी भी पार्षद के साथ हो सकता है, तब कहीं जाकर भाजपा पार्षद शांत हुए। उन्हें पूरी और सही जानकारी देने के साथ संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया। वहीं मरीन ड्राइव में दुकान निर्माण का मुद्दा भी गरमाया गया। इस बीच वरिष्ठ पार्षद सुभाष पांडेय ने ट्रांसपोर्ट नगर की दुकानों को व्यवस्थित करने का सवाल उठाया। वहीं, नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के साथ पार्षद पंकज कंकरवाल, श्रीनू राव, महेश कंकरवाल, अशोक यादव द्वारा पूछे सवालों का एमआईसी मेम्बर शेख सलीम नियारिया, संजय देवांगन जवाब देते रहे।

भाजपा ने मेरे सम्मान पर लगाया दाग – सपना सिदार

सभा के प्रश्नकाल में पार्षद सपना सिदार भाजपा पर भडक़ते हुए कुछ ऐसा कह गईं कि उनको अपने वक्तव्य पर खेद जताना पड़ा। वार्ड क्रमांक 25 में बेजाकब्जा करने वालों की जो सूची नगर निगम से मिली, उसमें एक भाजपा नेत्री का भी नाम को लेकर हुई घटना पर सपना ने भाजपा सांसद का उल्लेख करते हुए यह कह दिया कि बीजेपी ने उसके आत्मसम्मान में दाग लगा दिया तो मामला गर्मा गया। विपक्ष ने सपना के इस बयान की तीखी आलोचना करते हुए खेद प्रकट करने की मांग कर बैठक को आगे बढऩे नहीं दिया। काफी गहमा गहमी के बीच वरिष्ठ पार्षद सुभाष पांडेय की समझाईश के बाद सपना ने अपने बयान पर खेद जताया, तब कहीं जाकर माहौल शांत हुआ।

जयंत ने दिव्यांग भाई-बहन की मदद के लिए दिखाई दरियादिली

प्रश्नकाल के दौरान वार्ड क्रमांक 25  की पार्षद सपना सिदार का सवाल भी ड्रॉ में आया। उन्होंने शासन के विभिन्न पेंशन नियम को पर सवालिया निशान लगाते हुए इसका डेमो भी नगर निगम में दिया। सपना ने अपने वार्ड में रहने वाले उम्रदराज भाई-बहन का विकलांग प्रमाण पत्र होने के बाद भी उन्हें शासन से आर्थिक सहायता नहीं मिलने को लेकर प्रश्न किया। उनका कहना था कि शासन के जटिल नियमों की वजह से उनके वार्ड के दिव्यांग भाई बहन शासन की पेंशन योजना से वंचित हैं। वे उन्हें शासन ने पेंशन योजना के तहत राशि नहीं दिला पा रही है ऐसे में उन्होंने अपने आपको ही धिक्कारते हुए अफसोस जताया। इस बीच सभापति जयंत ठेठवार ने सभी पार्षदों को अपने पार्षद मद से वार्ड के 2 लोगों की यथासंभव आर्थिक मदद करने की नसीहत देते हुए बैठक में यह घोषणा भी की कि जब तक वे सभापति रहेंगे, तब तक दिव्यांग भाई-बहन को वे शासन से निर्धारित राशि का पेंशन वे अपने मानदेय से देते रहेंगे। जयंत की इस दरियादिली की सभा में तारीफ भी हुई।

जब महापौर ने विशेष प्रेम से रूठे विपक्ष को वापस बैठाया कुर्सी पर

लंच के बाद बैठक चालू होते ही भाजपा पार्षद श्रीनू राव ने एजेंडा की प्रति सदन में लहराते हुए यह आरोप लगाया कि 15 में एक भी ऐसे मुद्दे नहीं है जो जनहित से जुड़ा हो। शहर सरकार ने लंबे अरसे के बाद सामान्य सभा की बैठक की, मगर दुख की बात है कि उसमें भी जनहित के बजाए स्वहित के ज्यादा एजेंडे है। फिर क्या, शीनू राव ने बैठक बहिष्कार का निर्णय लेते हुए अपनी कुर्सी छोडक़र जमीन पर जा बैठे तो उनको विरोध करते देख भाजपा के सभी पार्षद भी जमीन में बैठ गए। सभापति के सामने धरने पर बैठे भाजपा पार्षदों ने यह आरोप भी लगाया कि निगम में अधिकारी राज चल रहा है। यहां जनप्रतिनिधियों के बीच भी बात की सुनवाई नहीं हो रही। तकरीबन आधे घंटे तक जमीन पर नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के साथ भाजपा पार्षदों को बैठे देख महापौर श्रीमती जानकी काटजू ने हाथ जोड़ते हुए अपनी कुर्सी पर जाने का निवेदन किया तो मेयर के विशेष प्रेम को देख विपक्ष के नेता मान गए और वे जमीन छोड़कर आरामदायक चेयर में चले गए।

जनता की भलाई के लिए भी कांग्रेस दिखाए एकजुटता – पंकज 

एमआईसी मेम्बर सलीम नियारिया ने जब कुर्सी छोडक़र जमीन में बैठे भाजपा पार्षदों को फोटो सेशन कराने का हथकंडा बताते हुए कटाक्ष किया तो पार्षद पंकज कंकरवाल ने कहा कि अगर जनहित के लिए विपक्ष को फर्श पर जाकर फोटो सेशन भी कराना पड़े तो वे तैयार हैं। पंकज ने कहा कि अगर सदन में वे अपनी बात रखते हुए विरोध भी नहीं कर सकते तो क्या करें। उन्होंने यह भी कहा कि सफाई व्यवस्था और अमृत मिशन के मामले में कांग्रेस जिस तरह एकजुटता दिखाती है, ठीक वैसे ही जनहित में भी एकता की ताकत दिखाए तो बेहतर होता, लेकिन एजेंडे में जनता की भलाई को तरजीह नहीं दी गई और यही कांग्रेस का असली चेहरा है।

तर्कपूर्ण बातें कर जनप्रतिनिधियों ने निरस्त कराया प्रस्ताव

साधारण सम्मेलन में चर्चा के लिए 15 एजेंडे ही तय किये गए थे, जिसको लेकर शहर सरकार से भाजपा पार्षद ऐसे भिड़े कि वातावरण दिलचस्प भी बना रहा। भाजपा पार्षदों का स्वहित एजेंंडा का इशारा नामांतरण और दुकान आवंटन के प्रस्ताव पर था। एजेंडे के चर्चा में जब सभी पार्षद शामिल हुए और तर्क पूर्ण चर्चा हुई तो एडवर्ड हाता का दुकान 9, 10, 16, 17, 18, टाउन हाल हाता का दुकान क्रमांक 17, जेल परिसर के दुकान क्रमांक 40 का नामांतण प्रस्ताव आगामी बैठक के लिए स्थगित किया गया। वहीं मीटर लगाकर जल कर लेने के प्रस्ताव को भी आगामी बैठक में लाए जाने का निर्णय हुआ। इसके अलावे ट्रांसपोर्ट नगर की 14 दुकानों को आवंटित किए जाने का प्रस्ताव कैंसिल किया गया। शेष प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है। कुल मिलाकर कहें तो सामान्य सभा में कांग्रेस और भाजपा के बीच विकास को लेकर जमकर सियासी द्वंद्व देखने को मिला।

error: Don\'t copy without permission.This is a violation of copyright.