रिटायर्ड आईएएस ने मुख्य सचिव छग शासन को लिखी चिट्ठी, पेसा और वन अधिकारों के हनन का हवाला देते हुए कोल ब्लॉक आवंटन रोकने को कहा
रायगढ़। खरसिया के बर्रा कोल ब्लॉक की नीलामी हो चुकी है। कोयला मंत्रालय ने बालको (वेदांता ग्रुप) को इसका आवंटन किया है। लेकिन अभी से इस पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। रिटायर्ड आईएएस ईएएस शर्मा ने मुख्य सचिव छग को एक पत्र लिखकर कोल ब्लॉक आवंटन रोकने की मांग की है।
दो बार नीलामी में रखने के बाद एकमात्र कंपनी बालको ने बर्रा के लिए बिड डाली थी। दूसरी बार भी सिंगल बिड आने के बाद कोयला मंत्रालय ने आवंटन कर दिया। खरसिया ब्लॉक में यह बर्रा कोयला खदान स्थित है। बालको ने कोरबा प्लांट के मद्देनजर नीलामी में भाग लिया था। अब इस कोल ब्लॉक पर सवाल उठने लगे हैं। रिटायर्ड आईएएस ईएएस शर्मा ने मुख्य सचिव छग शासन को एक पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने पत्र में कहा है कि बर्रा कोल ब्लॉक जिस क्षेत्र में है, वहां आदिवासी तबका बहुतायत में है।
कोल ब्लॉक आवंटन से पेसा एक्ट और वन अधिकार अधिनियम का उल्लंघन होगा। बिना ग्रामसभा की अनुमति के कोल ब्लॉक का आवंटन कर दिया गया। यह भी नियम विरुद्ध है। इस मामले में मुख्य सचिव से तत्काल सही कदम उठाने की मांग की गई है। बर्रा कोल ब्लॉक को लेकर पहले भी विरोध हो चुका है। यह कोल ब्लॉक शुरू हुआ तो खरसिया शहर पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
आदिवासी होंंगे विस्थापित
अब तक रायगढ़ जिले में कोयला खदानें शुरू होने पर सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासी तबके का ही हुआ है। अपनी जमीनों और मकानों से बेदखल होने के बाद आदिवासी पलायन कर गए हैं। यही कुछ बर्रा कोल ब्लॉक के कारण भी होगा। अभी तक कोयला खदानें केवल घरघोड़ा और तमनार तहसील क्षेत्र तक ही सीमित थी, लेकिन अब खरसिया भी जद में आ चुका है।
