रायगढ़। बच्चे का जन्म सुखद अहसास है मां को इसकी शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर कीमत चुकानी पड़ती है। सामान्य डिलिवरी में जन्म देने वाली मां को असहनीय शारीरिक पीड़ा से गुजरना पड़ता है, लेकिन सिजेरियन डिलिवरी या सी- सेक्शन (C-section) की तुलना में इसमें जन्म देने के बाद रिकवरी तेज और आसान होती है। वहीं अगर किन्हीं कारणों से सिजेरियन डिलिवरी करानी पड़े तो बाद में उसकी देखभाल जरूरी हो जाती है। नवजात को जन्म देने वाली महिला को कुछ सावधानियां बरतनी होती हैं लेकिन उससे ज्यादा जरूरी है कि उसकी मदद करने के लिए साथ में परिवार के सदस्य, मित्र या केयर टेकर होने चाहिए। सिजेरियन डिलिवरी के टांके ठीक होने में थोड़ा समय लगने के कारण सिजेरियन डिलिवरी के बाद देखभाल जरूरी होती है। आइए जानते हैं रायगढ़ जिले के सुप्रसिद्ध हॉस्पिटल श्री बालाजी मेट्रो हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरभि सैनी के अनुसार सी-सेक्शन के बाद किस तरह महिलाओं को अपनी सेहत की देखभाल करनी चाहिए :
संतुलित आहार लें
घाव के संक्रमण से जल्दी रिकवरी के लिए महिला को अपने आहार में विटमिन सी को शामिल करना चाहिए। इसके लिए आहार में ब्रोकली, पालक, साग, हरी मटर, संतरा, पीच, मौसमी, खुबानी आदि को शामिल करें।
दवाओं का पूरा कोर्स करें अपने डॉक्टर या नर्स द्वारा दिए गए इंस्ट्रक्शन और मेडिसिन की डोज को फॉलो करें। अगर आपके इस बारे में कोई भी सवाल है, तो अपने डॉक्टर को फोन करने में संकोच न करें। साथ ही अगर आपको ऐंटीबायॉटिक्स को लेने के लिए कहा गया है तो इलाज का पूरा कोर्स खत्म होने तक खुराक को छोड़ें नहीं, न ही दवाई बीच में लेना बंद करें।
टांके गीले करने से बचें
टांकों के ताजा होने के कारण कुछ दिनों के लिए नहाने से बचाना चाहिए। अगर नहाना भी है तो डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही नहाना चाहिए क्योंकि पानी के इस्तेमाल से इंफेक्शन की समस्या हो सकती है। वाटर प्रूफ ड्रेसिंग लगाने से महिलाएं आराम से नहा सकती हैं इसका चयन करें।
टांकों की देखभाल
अगर आपका सी-सेक्शन हुआ है तो आपको घाव पर बारीकी से नजर रखनी होगी और डॉक्टर के इंस्ट्रक्शंस को फॉलो करना भी जरूरी होता है। आंखों में आंसू ने दर्द होना या मवाद आने जैसे स्थिति मैं तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें आंखों की देखभाल के लिए कोई भी घरेलू जड़ी-बूटी ना लगाए।
ज्यादा ब्लीडिंग होना
डिलीवरी के बाद एक महीने तक रुक-रुक कर थोड़ी-थोड़ी ब्लीडिंग होना सामान्य है। यदि बहुत ज्यादा ब्लीडिंग हो तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अजवाइन, हल्दी, गोंद के लड्डू जैसे चीजों के सेवन से गर्भाशय से कूदकर अपनी शेप में आता है और ब्लीडिंग ज्यादा होने का खतरा कम हो जाता है।
भारी वजन उठाने से बचें
भारी वजन उठाने से बचना चाहिए स्टेट आंखों पर जोर पड़ सकता है जिससे दर्द होना संभव है किंतु अपना रोजमर्रा का काम सिजेरियन होने के अगले दिन से शुरू कर सकते हैं एक्टिव रहने से टाको में जल्दी सुखाव आता है और रिकवरी जल्दी होती है।
पूरी नींद लें
डिलीवरी के बाद अक्सर महिलाएं नवजात शिशु की देखभाल में खुद को नजरअंदाज कर देती हैं। अपनी रिकवरी के लिए मां को उचित आराम और नींद की जरूरत होती है। घर के काम में परिजनों की मदद लें।
पोस्ट पार्टम ब्लूज और डिप्रेशन
डिलीवरी के बाद हारमोंस के बदलाव कारण महिलाओं के व्यवहार में परिवर्तन आना स्वाभाविक है इसको पोस्ट पार्टम ब्लूज (Post Partum Blues) कहते हैं। बिना कारण के रोने लग ना चिंता करना एनर्जी की कमी महसूस करना इससे लक्षण हो सकते हैं इस स्थिति का सामना करने के लिए परिवार का योगदान जरूरी है। मां को प्रॉपर रेस्ट और आहार देने में मदद करें।
