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Raigarh News : करोड़ों का प्रोजेक्ट स्टील के खंडहर में तब्दील, प्रभावितों को रोजगार की आस थी लेकिन अब कबाड़ियों के लिए जन्नत बना वीसा पावर

रायगढ़। देवरी में 540 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित होना था जिसके लिए भू-अर्जन किया गया था। अब उस जगह पर केवल स्टील के खंडहर नजर आ रहे हैं। रोजगार की आस में भूमि स्वामियों ने जमीनें दी थी लेकिन अब यह कबाड़ियों के लिए जन्नत बन गई है। लोन नहीं चुकाने के कारण कंपनी दिवालिया हो गई।

रायगढ़ ब्लॉक के देवरी में 540 मेगावाट का पावर प्लांट लगाने के लिए वीसा पावर ने राज्य शासन के साथ एमओयू किया। सरकारी जमीन के साथ निजी भूमि का अधिग्रहण भी किया गया। स्थानीय प्रभावितों को उम्मीद थी कि प्लांट लगने से क्षेत्र की स्थिति बदल जाएगी। कई युवाओं को यहां से रोजगार मिलने की उम्मीद थी। अब सब उम्मीदें धराशाई हो चुकी हैं। प्लांट लगाने के लिए लिए गए लोन को नहीं चुका पाने के कारण बैंकों ने कंपनी को दिवालिया घोषित कर दिया । पीएनबी, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा समेत कई बैंकों ने 1964 करोड़ का लोन रिकवर करने के लिए कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में मुकदमा किया था। एनसीएलटी ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल की नियुक्ति भी की थी।

वीसा पावर ने प्लांट लगाने के लिए स्ट्रक्चर पूरा खड़ा कर लिया था। अब प्लांट लोकेशन में स्टील का खंडहर दिखाई देता है। जगह-जगह लोहे के बड़े बीम बिखरे पड़े हुए हैं। कभी लोगों के लिए रोजगार सृजित करने वाला प्लांट अब केवल कबाडियों के लिए बेहतरीन स्पॉट बन चुका है। यहां से हजारों टन कबाड़ काटकर ले जाया जा चुका है। रायगढ़ के कई बड़े कबाड़ी यहां से लाखों का माल बटोर कर ले जा चुके हैं। कंपनी परिसर पर बैंकों का अधिकार हो चुका है। अधिग्रहित भूमि भी बैंक के अधीन है।

नहीं मिलेगी जमीन वापस
प्लांट के लिए ली गई जमीन वापस मिलने की उम्मीद कम ही है। बैंकों ने वीसा पावर की पूरी संपत्ति पर अधिकार कर लिया है। इसमें जमीन भी शामिल है। संभव है कि आगे जाकर कोई दूसरी कंपनी इसे खरीद ले तो फिर कुछ नया उद्योग लग जाएगा। किसी भी हाल में अब जमीन वापस नहीं मिलने वाली । मतलब प्रभावितों को मुआवजा तो मिला लेकिन पुनर्वास के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं होगा।

कबाड़ियों से सेटिंग
वीसा पावर का स्ट्रक्चर अभी भी ठोस है। लोहे के बड़े-बड़े एंगल जमीनों में बिखरे पड़े हुए हैं। अब तक यहां कबाड़ियों को एंट्री की खुली छूट मिली हुई है। रायगढ़ के कई कबाड़ी यहां पर लगातार कटिंग कर रहे हैं। रात को गाड़ियां निकलती हैं। कबाड़ियों ने सबको सेट कर रखा है।