उपचुनाव में पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर सीएसपी, चक्रधर नगर टीआई को हटाने की मांग की, एसपी ने जांच का दिया आश्वासन
रायगढ़। शहर के वार्ड क्रमांक 27 में उपचुनाव की पहली रात सीएसपी द्वारा जिला कांग्रेस अध्यक्ष पर शराब पीने का सरेआम आरोप लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विधायक प्रकाश नायक की अगुवाई में कांग्रेसियों ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए एसपी ऑफिस का घेराव कर दिया। वहीं, विधायक के साथ प्रतिनिधि मंडल ने पुलिस कप्तान के पास अपना पक्ष रखते हुए सीएसपी और चक्रधर नगर टीआई को हटाने की मांग भी की। एसपी ने जब जांच कराने का ठोस आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर सियासी बवंडर शांत हुआ।
मंगलवार दोपहर शहर के रेलवे स्टेशन चौक स्थित जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय से हाथों में झंडा लेकर नारेबाजी करते हुए कांग्रेसियों को गांधी प्रतिमा की तरफ पैदल जाते देख लोग ठिठक गए। चूंकि, रैली की अगुवाई विधायक प्रकाश नायक कर रहे थे इसलिए कांग्रेसियों की संख्या भी शताधिक रही। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाने वाले लोग एसपी ऑफिस पहुंचे तो वहां गहमा गहमी बढ़ गई। पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में कुछ देर रुकने के बाद विधायक प्रकाश नायक, महापौर जानकी काटजू, सभापति जयंत ठेठवार, राजेश भारद्वाज, दीपक पांडेय, राजेन्द्र पांडेय, संतोष बहिदार, आशीष जायसवाल के साथ एसपी से मिलने उनके चेम्बर गए।





विधायक प्रकाश नायक ने पुलिस कप्तान अभिषेक मीणा को हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि वार्ड नंबर 27 में उपचुनाव के पूर्व चक्रधर नगर थाना प्रभारी को वहां जाकर भाजपा द्वारा व्यवधान उत्पन्न करने की साजिश के बारे में मौखिक सूचना दी गई थी, परन्तु शिकायत को अनदेखी करते हुए पुलिस ने कोई व्यवस्था नहीं की और न ही गश्त लगाई गई। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष की बातों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया। नतीजतन, भाजपा कार्यकर्ताओं ने 3 रोज से वहां मतदाताओं को धमकाया और कांग्रेसियों को गाली देते हुए पकडक़र रखा था।
जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला के पहुंचने के बाद भाजपा कार्यकर्ता रफू चक्कर हो गए, मगर बीजेपी तथा असामाजिक तत्वों के पक्ष में सीएसपी आए और कांग्रेस कार्यकर्ता-पदाधिकारियों पर आरोप लगाने लगे। उन्हें बताया भी गया कि लोग वहां उत्पात मचा रहे हैं, पर खानापूर्ति के लिए केवल उनका नाम लिखकर ले गए और कोई कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में सीएसपी और चक्रधर नगर टीआई पर कार्रवाई करते हुए उनका तबादला किया जाए ताकि शहर में अमन चैन कायम हो सके।
पुलिस कप्तान ने विधायक और कांग्रेस नेताओं की बातों को पूरी संजीदगी से सुनने के बाद प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा, बल्कि मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी दोषी पाए जाएगा उसके खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई होगी। एसपी के इस आश्वासन के बाद भले ही विधायक उनके चेम्बर से बाहर निकल आए, मगर पुलिस अधीक्षक दफ्तर परिसर में खड़ी महिला कांग्रेस की सदस्याएं जब तक सीएसपी का स्थानांतरण नहीं होगा, तब तक वहीं बैठकर धरना देने की बात करने लगी, जिनको वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने समझाकर शांत कराया।
विवाद का वीडियो वायरल होने के बाद गर्माया मामला
दरअसल, वार्ड क्रमांक 27 में उपचुनाव की पहली रात जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शुक्ला और महामंत्री शाखा यादव के साथ नगर पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय के विवाद का सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद मामला गर्माया। वीडियो के मुताबिक, चुनावी शिकायत को लेकर पहले सीएसपी और कांग्रेस महामंत्री के बीच कहासुनी हुई। इसके बाद जिला कांग्रेस अध्यक्ष जब पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगा रहे थे तो सीएसपी ने सार्वजनिक तौर पर उनको यह कह दिया कि शराब पीकर आए हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी जांच कराने की बात कहते हुए सीएसपी का हाथ पकड़ा तो विवाद ने तूल पकड़ लिया। वहीं, इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना लिया और विधायक के साथ एसपी ऑफिस का घेराव कर दिया।
क्या कहते हैं प्रकाश
कांग्रेस ने एक पार्टी के खिलाफ पुलिस से गुंडागर्दी की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष को सबके सामने कहा गया कि शराब पीकर आए हो। जब तक प्रमाणित नहीं होता, तब तक किसी को ऐसा कहा नहीं जा सकता। सीएसपी जैसे जिम्मेदार अधिकारी को ऐसा शोभा नहीं देता। यही वजह है कि सीएसपी अभिनव उपाध्याय और चक्रधर नगर थाना प्रभारी प्रवीण मिंज को हटाने की मांग एसपी से की गई है। वहीं, सीएसपी पर कार्रवाई के लिए शासन से मांग की जाएगी।
– प्रकाश नायक, विधायक
क्या कहते हैं मीणा
विधायक प्रकाश नायक के साथ उनके कार्यकर्ता आकर दो रोज पहले हुए विवाद में पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। उनका यह आरोप गलत है कि छोटे अतरमुड़ा में पुलिस की पेट्रोलिंग ड्यूटी नहीं लगी थी। जबकि, सच्चाई यह है कि उपचुनाव होने की वजह से वहां पेट्रोलिंग ड्यूटी लगाई गई थी। उनकी शिकायतों की जांच होगी और असलियत सामने आने पर जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई भी होगी। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो भी देखा। इसमें पुलिस की अभद्रता सामने नहीं आई। बातचीत में केवल आपत्ति जताई गई है।
– अभिषेक मीणा, पुलिस अधीक्षक
