रायगढ़। रायगढ़ जिला शहर कांग्रेस और सारंगढ़ बिलाईगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष के पद को लेकर सियासी सरगर्मी पूरी उफान पर है। सतही तौर पर यहां हलचल नजर नहीं आ रही है मगर भीतर खाने में सुगबुगाहट काफी तेज चल रही है। सर्वप्रथम बात करें रायगढ़ शहर जिला कांग्रेस की जो यह बात एकदम स्पष्ट है कि अध्यक्ष वही बनेगा जिसे विधायक प्रकाश नायक का वरदहस्त हासिल होगा । इस नियुक्ति को इसलिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं।
चुनावी वर्ष को दृष्टिगत रखते हुए संगठन की भूमिका बेहद अहम मानी जा रही है तो स्वाभाविक सी बात है। कि विधायक प्रकाश नायक उसी नाम को आगे बढ़ाएंगे, जिस पर उनको अधिक भरोसा होगा। मौजूद कार्यकाल की बात करें तो संगठनात्मक नजरिये से शुक्ला का कार्यकाल संतोषजनक रहा है विवादों की काली परछाई से काफी हद तक दूर रहने की कोशिश करने वाले अनिल शुक्ला ने पीसीसी के तमाम निर्देशों का अक्षरशः पालन किया है। नरेन्द्र मोदी सरकार के विरोध में आंदोलन की बात हो या कांग्रेस के पद यात्रा की अथवा भारत जोड़ो यात्रा का विषय हो, इन तमाम कार्यक्रमों में अनिल शुक्ला की सक्रिय सहभागिता रही है।
कार्यकर्ताओं को विश्वास में लेकर विवादस्पद मुद्दों पर अनिल ने पूरी दूरदर्शिता के साथ समन्वय बखूबी स्थापित किया है जो उनकी दोबारा दावेदारी का सर्वाधिक सकारात्मक व पहलू है। अनिल शुक्ला के अलावा दो और नेताओं का अध्यक्ष पद पर सशक्त दावा है। पहला नाम शाखा यादव का है तो दूसरा नाम एसआईसी सदस्य संजय देवांगन का वेनों ही नेता विधायक प्रकाश नायक गुट से नाता रखते हैं लेकिन इन दोनों नेताओं का धनात्मक पक्ष यह है कि उच्च शिक्षा मंत्री उमेश नंदकुमार पटेल से संजय व शाखा के प्रगाढ़ रिश्ते हैं। संजय देवांगन लगातार दो बार पार्षद बन चुके हैं और विधायक प्रकाश नायक की तीव्र मुखालकता में जुटे कांग्रेस की बी टीम को भी संजय देवांगन की स्वीकार्यता पर रत्ती भर भी आपत्ति नहीं है इसलिए ऐसी भी संभावना है कि प्रकाश नायक विरोधियों को साधने की कोशिश में संजय के नाम पर अपनी हामी भर सकते हैं।
वहीं पिछली बार अध्यक्ष बनने से चूक गए शाखा यादव इस बार बेहद संजीदा नजर आ रहे हैं। बात करें शाखा की तो वह अपनी ओर से उठापटक नहीं कर रहे हैं। लेकिन अध्यक्ष की कुर्सी किसे नहीं चाहिए । इस लिहाज से संयत होकर शाखा सधी हुई चाल रहे हैं। कांग्रेस के लोकप्रिय चेहरों में शुमार शाखा यादव वैसे तो अनिल शुक्ला के प्रिय शागिर्द हैं, इसलिए रिश्तों की मर्यादा में रहकर सीमित प्रयास कर रहे हैं। आने वाले एक-दो सप्ताह में शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष की तस्वीर साफ होने की पूरी उम्मीद है।
दूसरी ओर रायगढ़ जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के अध्यक्ष पद को लेकर यादवी संग्राम छिड़ चुका है। इस पद का अपने आप में काफी प्रभाव है। । इसका सबब यह है कि चारों विधानसभा सीटों पर ग्रामीण अध्यक्ष का सीधा हस्तक्षेप रहता है मगर यह बात सोलह आने सच है कि ग्रामीण अध्यक्ष वही बनेगा जिसे उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल एनओसी देंगे, कहने का तात्पर्य यह है कि ग्रामीण अध्यक्ष उमेश पटेल की पसंद से ही बनेगा। फिलहाल तीन नामों की सर्वाधिक चर्चा है।
पहला लैलूंगा नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष ओम सागर पटेल दूसरा पूर्व महिला कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती विद्यावती कुंज बिहारी सिदार और तीसरा जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के प्रभारी महामंत्री विकास शर्मा का है, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के विश्वसनीय समर्थक ओम सागर पटेल सहज उपलब्ध होने वाले सौम्य व शांत कांग्रेस नेता है। लैलूंगा विधानसभा चक्रधर सिंह सिदार का ओमसागर पर अगाध यकीन है। ओमसागर तामझाम की राजनीति से दूर रहते हैं और रणनीति बनाकर काम करने में भरोसा रखते है।
ओमसागर के अतिरिक्त लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र की सक्रिय महिला नेत्री श्रीमती विद्यावती सिदार अध्यक्ष पद की रेस में शामिल हैं। बीते विधानसभा चुनाव वर्ष 2018 में विद्यावती लैलूंगा सीट से टिकट की प्रवल दावेदार थी परन्तु किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। लैलूंगा विधानसभा की कांग्रेसी सियासत में संतुलन स्थापित करने के दृष्टिकोण से विद्यावती सिदार के नाम को आगे बढ़ाया जा सकता है। ओम सागर व विद्यावती के अलावा विकास शर्मा पूरे दमखम के साथ अध्यक्ष पद की प्रतिस्पर्धा में डटे हुए हैं।
विकास शर्मा की दावेदार के रास्ते में सबसे बड़े ब्रेकर हैं- धरमजयगढ़ के अजेय विधायक लालजीत सिंह राठिया। यदि लालजीत विकास के नाम पर सहमत हो जाते हैं तो कुछ बात बन सकती है। अन्यथा विकास शर्मा की तमाम तैयारियां धरी की धरी रह जाएंगी, यह कहना बिल्कुल अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा ।
