रायगढ़, 21 फरवरी। एक किशोरी को दुल्हन बनाने का दिवास्वप्न दिखाकर भगाते हुए 4 रोज तक उसकी अस्मत से खिलवाड़ के मामले में आरोप प्रमाणित होने पर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मुल्जिम युवक को 20 बरस के लिए जेल भेजा है। यही नहीं, उसे 6 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित भी किया गया है। न्यायालयीन सूत्रों के अनुसार यह मामला शहर के चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है। ग्राम महापल्ली निवासी चूकेश कुमार उरांव पिता स्व. रामलाल उरांव (28 वर्ष) विगत 1 जून 2020 के तडक़े लगभग 6 बजे शादी करने का झांसा देते गए 14 वर्षीया एक नाबालिग बाला को लेकर उडऩ छू हो गया।
किशोरी के अचानक घर से लापता होने पर फिक्रमंद परिवार ने आसपास काफी खोजबीन की पर सफलता नहीं मिलने पर उन्होंने थाने में इसकी सूचना दी। चूंकि, मामला नाबालिग युवती के अपहरण का था, इसलिए पतासाजी के दौरान पुलिस ने 7 जून को चुकेश के साथ नाबालिग को आखिरकार ढूंढ निकाला। वर्दीधारियों ने किशोरी के डॉक्टरी परीक्षण कराते हुए उससे पूछताछ की तो खुलासा हुआ कि चुकेश भगाने के बाद 4 दिन तक उसकी अस्मत से खिलवाड़ करता रहा। ऐसे में पुलिस ने भादंवि की धारा 363, 366, 376 (2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 4, 6 के तहत आपराधिक प्रकरण दर्जकर केस डायरी को न्यायालय में पेश किया।
वहीं, फास्ट ट्रैक कोर्ट की विद्वान न्यायाधीश श्रीमती प्रतिभा वर्मा ने इस संवेदनशील मामले से जुड़े सबूतों और सभी पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए आरोप सिद्ध होने पर चुकेश उरांव को 20 साल के लिए जेल भेजने का फरमान जारी किया। साथ ही 6 हजार रूपये के अर्थदंड से दण्डित भी किया है। इस प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक मोहन सिंह ठाकुर ने पैरवी की है।
