रायगढ़। लॉकडाऊन के बाद ब्याह रचाने का वादा कर प्रेमिका को किराए के मकान में बीवी की तरह रखते हुए उसकी अस्मत से खिलवाड़ के मामले में आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायालय ने मुल्जिम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावे 1 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड की राशि अदा नहीं करने पर आरोपी को 7-7 रोज अतिरिक्त जेल में रहना होगा। न्यायालय सूत्रों के अनुसार एसकेएस कंपनी में खाना पकाने के काम करने वाले पुसौर थाना क्षेत्र के ग्राम नंदेली निवासी आकाश दीप महंत पिता अनिल कुमार महंत (21 वर्ष) ने अनुसूचित जाति वर्ग की एक युवती को विगत 17 फरवरी 2021 को ब्याह रचाने का वादा करते हुए अपने किराए के कमरे में ले गया और दुष्कर्म किया।
इसके बाद वह लगातार उसकी अस्मत से खिलवाड़ करता रहा। इस बीच युवक ने भगा ले जाने के लिए कहा, पर युवती नहीं मानी, बल्कि अपने मां-बाप और सरपंच को इसकी जानकारी दी। आकाशदीप ने युवती के परिजनों से वादा किया कि अभी लॉक डाऊन चल रहा है, इसलिए स्थिति सामान्य होने पर वह खुद कोर्ट जाकर शादी करेगा। युवती के घरवालों ने आकाशदीप पर भरोसा जताया तो वह बिना शादी किए अपनी प्रेयसी को किराए के मकान में लेकर गया और बीवी की तरह रखते हुए दैहिक शोषण करने लगा। लॉकडाउन खुलने के बाद 21 जून 2021 को आकाशदीप युवती को यह कहते हुए निकला कि वह पैसे लेने अपने घर जा रहा है। आकाशदीप के दुबारा नहीं लौटने पर युवती जब उसे खोजते हुए नंदेली गई तो युवक के पिता ने घर में बेटे के होने से इंकार कर दिया।
यही वजह रही कि बिना शादी के लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली युवती ने पारिवारिक सलाह मशविरा के बाद भूपदेवपुर थाने की शरण लेते हुए आपबीती बताई। पुलिस ने आकाशदीप महंत के खिलाफ भादंवि की धारा 376, (2) (ढ) और अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (2), (वी) के तहत आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। इस मामले में विशेष न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद दोषी पाए जाने पर आकाशदीप को 10 साल के सश्रम कैद और आजीवन कारावास की सजा दी। अर्थदंड से भी दंडित किया है। इस प्रकरण में शासन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू ने पैरवी की।
