रायगढ़। जिले में गजराजों की आमदरफ्त जारी है। घरघोड़ा रेंज में दो हाथियों हाथियों की मौत के बाद भी यह जगह विशालकाय वन्यप्राणियों के लिए मुफीद बना हुआ है। ऐसे में अब साम्हरसिंघा के पहाड़ी क्षेत्र से 29 हाथियों के झुंड के घरघोड़ा के मुड़ाटिकरा की तरफ आने की खबर से लोग दहशतजदा हैं, क्योंकि यहां पहले ही 18 हाथी स्वछंद घूम रहे हैं। यही वजह है कि हाथियों की गतिविधियों पर वन विभाग पैनी नजर जमाए हुए हैं। रायगढ़ वन मंडल के घरघोड़ा रेंज में जिस तरह हाथियों की आवाजाही हो रही है, उसे देख लगता है कि यह इनका अघोषित ठिकाना बन गया है। जबकि, हाल ही में घरघोड़ा रेंज के ग्राम अमलीडीह और पुसल्दा में एक हथिनी और शावक की भी असमय मौत हो चुकी है, बावजूद इसके घरघोड़ा क्षेत्र अतिकायों के अड्डे के रूप में तब्दील हो रहा है।
इसी कर्म में बीती रात ग्राम साम्हरसिंघा के पहाड़ी क्षेत्र 415 आरएफ की ओर से 29 हाथियों को घरघोड़ा के मुड़ाटिकरा की ओर बढ़ते देखने से डर के मारे ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। बताया जाता है कि रायगढ़ वन मंडल के जुनवानी में भी 10 हाथी पिछले कई दिनों से डेरा डाले हैं। इसके अलावा मुड़ाटिकरा में 18 हाथियों के भी विचरण करने से वन कर्मचारियों की पेशानी पर बल पड़ गए हैं। दरअसल, हाथियों के लगातार आमदरफ्त से घरघोड़ा के देहात इलाकों में बढ़ते तनाव को भांप वनकर्मी सक्रिय हो गए हैं।
यही नहीं, वहां संभावित अप्रिय स्थिति के मद्देनजर मैदानी इलाके के वन अमले और हाथी मित्र दल के साथ ट्रेकिंग दल भी हाथियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखे हुए हैं। सूत्रों की मानें तो हरियाली से आच्छादित धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों की काफी तादाद होती थी, मगर पिछले कुछ सप्ताह से रायगढ़ वन मंडल में शावक और हथिनी के साथ गजराज दल की संख्या में इजाफा हुआ है। वर्तमान में रायगढ़ वन मंडल के जंगलों में 18 हाथी पहले से विचरण कर रहे हैं। वहीं, पिछले महीने लैलूंगा क्षेत्र में तकरीबन 40 हाथियों को एक साथ सडक़ पार करने का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। बहरहाल, अतिकायों के आने की खबर से वन विभाग अलर्ट है।
