Skip to content
Home | Raigarh News : दूसरे जिले का धान डीओ बेचा, उसी जिले की गाड़ियां उठाव में लगीं

Raigarh News : दूसरे जिले का धान डीओ बेचा, उसी जिले की गाड़ियां उठाव में लगीं

मार्कफेड ने रायगढ़ के मिलरों को 600 किमी दूर की समिति का डीओ दिया, जिले के अंदर भी क्रॉस डीओ के मामले

रायगढ़। दूसरे जिलों के डीओ जारी करने के बाद राइस मिलरों ने ऐसा गोलमाल किया है कि शासन को करोड़ों की चपत लगेगी। दबाव डालकर दूसरे जिले का धान आवंटन जारी कराया गया। जब आवंटन मिला तो डीओ बेच दिए गए। यही वजह है कि उन जिलों में रायगढ़ के मिलर का धान उठाने का काम वहीं के मिलरों की गाडिय़ां कर रही हैं।

दूसरे जिले का धान आवंटन देने में कमीशनखोरी चरम पर है। राइस मिलरों से पहले ही डील करने के बाद आवंटन जारी किया जाता है। इसके बदले में प्रति क्विंटल एक राशि तय की जाती है। पिछले साल 20 हजार क्विं. धान दूसरे जिले से उठाया गया था। इस बार मार्कफेड ने बहुत अधिक मात्रा धान आवंटित किया है। रायगढ़ जिले के मिलरों को महासमुंद का दो लाख क्विं., बेमेतरा का 3 लाख क्विं. और खैरागढ़-छुईखदान का 4300 क्विं. धान मिला है। इसके डीओ से उठाव करने के बजाय धान वहीं के आसपास के मिलरों को बेच दिया गया। दरअससल जिन गाडिय़ों से धान उठाया गया, उनके नंबर उसी जिले के हैं। ये वहीं के मिलरों के वाहन हैं। रायगढ़ के मिलरों ने करीब 1200-1600 रुपए क्विं. में डीओ बेचे हैं। धान वहीं के मिलर ने उठाया। अब यहां पर किसानों से धान खरीदकर चावल भर दिया जाएगा। इस तरह धान उठा भी नहीं और 100 किमी का भाड़ा मिल गया। इसी वजह से राइस मिलरों ने दूसरे जिले का उठाव पहले किया है।

डेढ़ सौ रुपए प्रति क्विं. का रेट
कस्टम मिलिंग को कमीशनखोरी का जरिया बना लिया गया है। धान उठाकर चावल नहीं देने वाले मिलों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। खाद्य विभाग और मार्कफेड ने मिलकर जोहार राइस मिल, बालाजी राइस मिल, दादी पिलासन राइसमिल, शर्मा राइस मिल, गणपति राइस मिल, जेके राइस मिल और ज्योतिबा फुले राइस मिल को बचाने के लिए पूरा जोर लगा दिया। बीजी इनकैश होने से बचाने के लिए इन मिलरों से डेढ़ सौ रुपए प्रति क्विंटल की अवैध वसूली की गई है।

error: Don\'t copy without permission.This is a violation of copyright.