धान घोटाले में राजस्व विभाग भी शामिल, गुड़ेली समेत कई गांवों का मामला, गिरदावरी में खरीफ धान रकबे की एंट्री
रायगढ़, 15 जनवरी। क्या ऐसा संभव है कि जिस जमीन पर अवैध खदान या गड्ढे को भरने के लिए फ्लाई एश डालने की अनुमति दी गई हो, वहीं धान की फसल भी ली गई हो। गिरदावरी में भी खरीफ धान की ही एंट्री की गई है। अब जिस जमीन पर फ्लाई एश डाला जा रहा हो वहां खेती तो हो नहीं सकती। तो फिर गिरदावरी ही गलत की गई है।
रायगढ़ और सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में 16 स्टील व पावर प्लांटों को प्रतिबंधित, अवैध खदानों के अलावा गहरे गड्ढों को भरने के लिए फ्लाई एश डालने की अनुमति दी है। हर जमीन के खसरा नंबर सहित अनुमति प्रदान की गई है। गुड़ेली, टिमरलगा, लालाधुरवा, सरसरा, बंगुरसिया, सलिहाभांठा, दर्रामुड़ा, बलभद्रपुर, सामारूमा, कोकड़ीतराई, कुंजेमुरा, टिहलीरामपुर, पटेलपाली, टपरदा आदि गांवों में एश डालने की अनुमति दी गई है। हैरानी की बात यह है कि उेसी कई जमीनों पर एश डाला गया है जहां खरीफ में धान की फसल दिखाई गई है। लालाधुरवा में खसरा नंबर 192 और 197 रकबा करीब 0.4580 हे. पर रायगढ़ एनर्जी जेनरेशन को एश डालने की अनुमति दी गई है।
राजस्व रिकॉर्ड में देखा गया तो खरीफ धान लगाया जाना पाया गया। यही नहीं 9 सितंबर 2022 को गिरदावरी में भी धान ही प्रविष्टि की गई है। इसी तरह खनं 138/2, 165/1, 174, 184, 188/1 कुल रकबा करीब 0.591 हे. में भी गहरे गड्ढे हैं। इस भूमि में भी एश डालने की परमिशन दी गई है जबकि गिरदावरी में धान की एंट्री की गई है। इसी तरह अंजनी कुमार पिता सोन चिराई निवासी गुड़ेली के खनं 461/2क रकबा 0.1580 हे. में खरीफ धान गिरदावरी 9 सितंबर 2022 को एंट्री की गई। इसमें भी एश डालने की अनुमति दी गई है। एक तरफ जमीन पर एश डाल रहे हैं और दूसरी ओर खरीफ धान की एंट्री की गई है।
पुसौर में भी ऐसा ही मामला
घर बैठे गिरदावरी करने और जानबूझकर गलत जानकारी डालने के कारण शासन को नुकसान हो रहा है। ऐसी जमीनों पर धान की फसल दिखाई गई है, जहां गहरी खदानें या गड्ढे हैं। पुसौर के टपरदा में खसरा नंबर 23 रकबा 0.312 हे. में फ्लाई एश डालने की परमिशन दी गई थी। इस जमीन में भी खरीफ धान लगाए जाने की गिरदावरी में एंट्री की गई है। पटेलपाली और दर्रामुड़ा में भरी ऐसे कई मामले हैं। तमनार के सलिहाभांठा के खनं 418 रकबा 1.291 हे. में जिंदल पावर को फ्लाई एश डालने की अनुमति दी गई है। उसी जमीन की गिरदावरी 22 सितंबर 2022 को की गई है जिसमें धान की एंट्री है।
बैंकों में बंधक जमीन भी उपयोग में
कई जमीनें ऐसी हैं जो बैंकों में बंधक हैं। ऐसी जमीनों पर सालों से अवैध खदानें चलाई जाती रहीं। अब यह जमीन फ्लाई एश डंपिंग में उपयोग की जा रही है। अनुमति लेते समय बंधक भूमि की जानकारी नहीं दी गई। उदाहरण के लिए गुड़ेली की 449/2 क रकबा 0.1370 हे. एसबीआई में बंधक है। गुड़ेली की खसरा नंबर 324/2/ क रकबा 0.1380 हे. हरामति की भूमि छग राज्य ग्रामीण बैंक में बंधक है जबकि इसमें एश डालने की परमिशन दी गई है। सरसरा के खसरा नंबर 126/1/क रकबा 0.1340 हे. देवकुमार की भूमि दो बैंकों में बंधक है। इसी तरह नटवर रतेरिया की बंगुरसिया में खसरा नंबर 11/13 रकबा 3.226 हे. भी तीन बैंकों के पास बंधक है।
