रायगढ़। भावनाओं के सूखेपन की ओर बढ़ते सामाजिक परिवेश में होली ही एक ऐसा त्योहार है जो आम ओ खास के बीच साझे का अस्तित्व गढ़कर अपने दायरे का विस्तार करते हुए सबको निकट के सामाजिक परिवेश के साथ उन्मुक्त भाव से जोड़ता है। होली के इस समरसता भरे संदेश की सार्थकता 10 मार्च को नगर के प्रखर समाजसेवी सुनील रामदास ने साबित की। रंगों के महापर्व पर अपने जन्मदिन के खुशियों का रंग भरते हुए युवा उद्योगपति ने स्थानीय मीडिया के साथ होली मिलन कर अपनी आत्मीयता जाहिर की। आम तौर पर मीडिया के चुनिंदा हितैषी और शुभचिंतकों में शामिल सुनील रामदास विगत कुछ सालों से पारिवारिक कारणों तथा कोविड संक्रमण काल के दौरान मीडिया मित्रों से दूर हो गये थे, जिसका जिक्र उन्होंने अपने संबोधन में भी किया।
दशकों से शहर में समाजसेवा की एक उम्दा पहचान स्थापित करने वाले सोशल इंजीनियर सुनील रामदास के व्यक्तित्व की विशेषता यह है कि कभी कारोबारी तो कभी समाजसेवी तो एक मित्र के तौर पर और एक जिंदादिल इंसान के तौर पर उनसे जो भी जुड़ा वो उनका हो गया और सुनील उसके हो गए, जिसकी जैसी जरुरत उसकी वैसी मदद | सुनील के लिए समाजसेवा का कोई विशिष्ट क्षेत्र कभी परिभाषित नहीं रहा। इन सभी रिश्तों में किसी के साथ भी सुनील रामदास का लेश मात्र का भी स्वार्थ नहीं रहा, हर किसी के लिए हर समय तत्पर रहने वाले एक बेजोड़ इंसान के तौर पर सुनील ने अपने बूते समाज, कारोबार से लेकर राजनीति तक में अपनी पहचान कायम की।
एक संगठित और दूरदर्शी सोच के साथ जिले में समाजसेवा की मिसाल गढ़ने वाले युवा उद्योगपति सुनील रामदास ने जन्मदिन के मौके पर पत्रकारों के बीच अपनी अब तक की जीवन यात्रा के महत्वपूर्ण अनुभव साझा किये। स्वर्गीय पिता की प्रेरणा और उनके पदचिन्हों पर चलकर एक सामान्य युवक से प्रतिष्ठित व्यक्तित्व तक का सफर तय करने वाले सफल उद्योगपति सुनील रामदास ने कहा कि समाज की यथेष्ठ सेवा करने के लिए सक्षम होना परम आवश्यक है। इसलिए विरासत में मिली समाजसेवा की भावना को अमलीजामा पहनाने के लिए सुनील रामदास ने निजी खुशियों को भूलाकर अटूट मेहनत की।
सुनील ने सारंगढ़ से लेकर पत्थलगांव व रायगढ़ से लेकर राजधानी तक के अपने संघर्षो के दिन मीडिया के बीच साझा किए। इस दौरान उन्होंने यह संदेश भी देने का प्रयास किया कि यदि जीवन में पवित्र संकल्प के साथ कुछ करने का मन बना लिया जाये तो फिर कभी भी कठिन परिस्थितियों, चुनौतियों और आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए। सुनील के मुताबिक समाजसेवा के लिए किसी संगठन की जरूरत नहीं होती। बस आपके अंदर इच्छा और लोगों की मदद का जज्बा होना चाहिए। इसके लिए मैं नहीं बल्कि हम का भाव होना चाहिए। समाजसेवा के माध्यम से कारोबारी जगत में एक स्वीकार्य नेता की छवि बनाते हुए व्यापारियों को एक माला में पिरोने में कामयाब सुनील रामदास चेम्बर के चुनाव में अपनी सियासी क्षमता का भी आकलन करा चुके हैं।
अपनी कार्यशैली से नौजवानों के आदर्श और वंचित वर्ग में आशा का केन्द्र बने सुनील रामदास की सामाजिक यात्रा अभी भी निरंतर जारी है। निजी अथवा व्यवसायिक कारणों से रायगढ़ छोड़ राजधानी में शिफ्ट होने की खबर पर सुनील ने भावुक होकर रायगढ़ को अपनी कर्मभूमि बताते हुए आजीवन जुड़े रहने की बात कही। इस दौरान उपस्थित वरिष्ठ, गणमान्य व युवा पत्रकारों ने भी सुनील रामदास के समाज हितैषी कार्यों व उनके साथ मीडिया के अभिन्न संबंधों की तारीफ करते हुए उनके स्वस्थ व उज्जवल भविष्य की कामना के साथ जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। केक काटकर व रात्रि भोज के साथ सुनील रामदास के जन्मोत्सव सह होली मिलन कार्यक्रम का समापन हुआ।
