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Raigarh News : धान घोटाले में अपेक्स बैंक के मैनेजर के खिलाफ जांच के आदेश

लैलूंगा और बीरसिंघा में रकबा बढ़ाकर की गई थी खरीदी, बचत खातों में सेल्फ चैक जारी करने व राशि ट्रांसफर करने में संदेहास्पद भूमिका

रायगढ़। लैलूंगा के आधा दर्जन उपार्जन केंद्रों में फर्जी रकबा बढ़ाकर हुई खरीदी में प्रबंधक समेत कुछ कर्मचारियों पर एफआईबार दर्ज की गई है। इस घोटाले में बराबर रूप से शामिल अपेक्स बैंक पत्थलगांव के शाखा प्रबंधक भी अब लपेटे में आ गए हैं। उनके खिलाफ अपेक्स बैंक के एमडी ने भी जांच का आदेश दिया है। वर्ष 21-22 में धान खरीदी में जिस स्तर का घोटाला किया गया है. उससे पता चलता है कि सारा सिस्टम किस तरह से इसमें शामिल रहा है। लैलूंगा, राजपुर और बीरसिंघा में किसानों के रकबे में बढोतरी कर धान की खरीदी की गई। जिन किसानों के पास दो एकड़ जमीन थी, उनसे 12 एकड़ में खरीदी की गई। किसानों के रकबा बढ़ाने, खसरा नंबर बदलने, एकाउंट नंबर और आधार नंबर बदलने का भी खुलासा हुआ था।

इस मामले में समिति प्रबंधक प्रहलाद बेहरा और त्रिलोचन बेहरा समेत फड़ प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, लिपिक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। इस गड़बड़ी में अपेक्स बैंक पत्थलगांव के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर रामकुमार यादव की भूमिका भी सामने आई है। खाद्य विभाग ने जांच में रामकुमार यादव की भूमिका पर भी सवाल उठाए थे। जांच प्रतिवेदन बनाकर एमडी अपेक्स बैंक को भेजा गया था। इस पर अब एमडी केएन कान्डे ने रामकुमार यादव के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। बैंकिंग नियमों के विरुद्ध काम किए गए। घोटाले के बाद उन किसानों के एकाउंट से रुपए आहरण करने के लिए सारे नियम तोड़े गए।

सेल्फ चैक, दूसरे खातों में मनी ट्रांसफर
रामकुमार यादव ने लैलूंगा, बीरसिंघा और राजपुर के उन किसानों को सेल्फ चैक से रकम आहरण करने दिया। उनके एकाउंट से दूसरे खाते में रकम ट्रांसफर की गई। रकम आहरण के लिए 50 हजार रुपए की लिमिट तय है, लेकिन यादव ने मनमानी राशि भुगतान की। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि भुगतान में बैंकिंग नियमों का पालन नहीं किया गया। इससे साफ होता है कि बिचौलियों से सांठगांठ की गई है, इसलिए कलेक्टर ने जांच प्रतिवेदन एमडी को भेजा था। अब एमडी ने यादव के विरुद्ध जांच के आदेश दिए हैं।