दो नई यूनिट निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट प्रक्रियाधीन, भू-अर्जन की जरूरत नहीं, पांचवीं यूनिट को लेकर असमंजस
रायगढ़। बहुत जल्द एनटीपीसी लारा के दो और यूनिट का रास्ता खुल जाएगा। सेकंड फेज में शामिल दो यूनिटों के निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट मार्च 2023 तक हो जाएगा। निर्माण का टारगेट पांच साल का रखा जा सकता है। हालांकि इसके लिए कोई अतिरिक्त भू-अर्जन नहीं होगा।
सिविल कॉन्ट्रेक्ट को लेकर कई बार सुर्खियों में रहा एनटीपीसी लारा अब दूसरे चरण का काम शुरू करने जा रहा है। एनटीपीसी लारा में 4000 मेगावाट का पावर प्लांट स्थापित किया जाना है। 800 मेगावाट के दो यूनिट पहले से स्थापित हो चुके हैं। अब दूसरे चरण का काम प्रारंभ होने वाला है। इसमें भी 800-800 मेगावाट के दो और यूनिट लगाई जाएंगी। मिली जानकारी के मुताबिक देश में बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए इसे पूरा करने एनटीपीसी भी क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। पूरी योजना 2027 को देखते हुए की जा रही है। लारा में पहले चरण में दो ही यूनिटों का काम हो सका था। दूसरे चरण के लिए कोई अतिरिक्त भू-अर्जन की जरूरत नहीं पड़ेगी। एनटीपीसी ने देश के चार संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने के लिए कॉन्ट्रेक्ट देने का काम शुरू कर दिया है। एनटीपीसी लारा का ठेका मार्च 2023 तक किसी कंपनी को दे दिया जाएगा। 4000 मेगावाट के लिए एनटीपीसी को पांच यूनिट का निर्माण करना होगा लेकिन पांचवी यूनिट को लेकर कुछ असमंजस है। दरअसल, मार्च 2027 तक बिजली की मांग में साढ़े सात प्रतिशत तक इजाफा होने का अनुमान है। अगले पांच सालों में इस डिमांड को पूरा करने के लिए एनटीपीसी भी तैयारी कर रहा है।
फ्लाई एश भी दोगुना निकलेगा
एनटीपीसी लारा की क्षमता दोगुनी होगी तो कोयले की खपत भी डबल हो जाएगी। तब फ्लाई एश का उत्सर्जन भी दोगुना होने लगेगा। अभी जितना एश निकल रहा है, उसका डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है। आने वाले समय में और भी भयावह स्थिति होने वाली है। पानी की डिमांड भी बढ़ेगी। छग में बिजली की उपलब्धता भी बढ़ेगी। रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
